चांदी का वर्ख वाली मिठाईया – सावधान

चांदी का वर्ख
गोमाता एवं बछड़ों को मारकर उनकी आंत की परतों के बीच चांदी के टुकड़ों को रखकर कूटा जाता है तब चांदी की पतली से पतली परत तैयार होती है , जिसे चांदी का वर्ख कहा जाता है , अतः वर्क का सेवन करना ही नहीं चाहिए और हम इस वर्ख को भोग में चढाने वाली मिठाई , पान – सुपारी इत्यादि में करते है |

चांदी महँगी होती है इसलिए ज़्यादातर एल्युमिनियम इस काम में इस्तेमाल होता है .एल्युमिनियम सेहत के लिए बहुत ही घातक होता है . यहाँ तक के केंसर भी पैदा करता है .
वर्ख चांदी का है या नहीं ये पता करने के लिए कांच के एक बाउल में पानी भर ले ; उसमे सोडियम हायड्रॉक्साईड की एक टिकिया घोल ले . अब उसमे वर्ख का एक टुकडा डाले . अगर वो पूरी तरह घुल गया तो वो एल्युमिनियम है .
उबलते पानी या चूने के पानी में वर्ख डालने पर अगर उसका रंग बदल जाए तो ऐसा वर्ख उपयोग करना सही नहीं .
सीधे मेटल खाने से किडनी खराब हो सकती है . आयुर्वेद में भी धातुओं की भस्म इस्तेमाल होती है धातु सीधे नहीं .
इसलिए अगर वर्ख वाली मिठाई घर आ भी जाए तो उसे चाक़ू से हटा ले और तभी उसका सेवन करे .

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