”ऑल इंडिया बं.से.सं द्वारा आयोजित इस वर्ष का अखिल भारतीय गोर बंजारा साहित्य संम्मेलन का आयोजन मुंबईमें होगा”
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—-प्रेस नोट—
(अधिकृत घोषणा)
दि.23 एप्रिल 2027
आप सभी देशवासि गोर बंजारा भाईयों और बहनोंकों यह सुचित करते हुये हर्ष होता है की, हम गोर बंजारा गोर गणोंकी पुरे भारत वर्ष या जगतमें समृद्ध संस्कृतिकी धरोहर है। और ऐतिहासिक वाङ्मयीन परंपराका हम गर्व महसूस करते है। औज के दौरमें हमारी सांस्कृतिक विरासतको जीवित रखने हेतू जेष्ठ एवं नवोदित साहित्यिक का लिखित साहित्य हमारे सामने आ रहा है। और अहसासभरा साहित्य और संस्कृती हमारी गोरबोलीमें मौखिक रुपसे तांडो-तांडोमें जीवित है। ऐसे साहित्य को मुख्यतः प्रवाहित करना, गोरबोलीको भविष्यमें
संविधानिक मान्यताके लिए साहित्य संम्मेलन माध्यमोंसे सदा प्रयास कराना ,संस्कृतिके मूल्योंको जीवित रखकर गोरबंजारा स्वामित्वको बढावा देना, यह बातोंको मध्यनजर करते हुये इस वर्ष का गोर बंजारा साहित्य संमेलन ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ द्वारा आयोजित हो रहा हे। ऑ,इ. बं.से.संघचे राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.राजूसिंग नाईक साहब और खजिनदार श्री. हरलाल नाईक साहब के नेतृत्वमें हर्ष उल्लास के साथ दि-23/04/2017 को अंधेरीमें गोर भायीओंके साथ एक महत्त्वपूर्ण सभा लेकर मा, राजू सिंग नाईक साहबनें मुंबई में गोर ब़जारा साहित्य
संमेलनके ओयोजनकी बडे हर्ष के साथ अधिकृत घोषणा की।
इस तहत आगामी अखिल भारतीय गोर बंजारा साहित्य संमेलन मुंबई आयोजन की बात अब निस्संदेह स्पष्ट हो गयी है। मुंबईमें सभी राज्यों के गोरबंजारोका वास्तव है ।यह ठिकाण लोहमार्ग हवाइमार्गके कारणवश सुविधायुक्त होनेसे, साहित्य रसिक व समाज बांधवों अत्यंत सुविधाजनक है। देशव्यापी गोर व्यवहारों और कार्यों में सहजता लाने के लिए गोरबोलीका प्रचलन करउसे जीवित रखना, बंजारा साहित्य की वृद्धि के लिए मानविकी, समाज हितके विषयों की पुस्तकें लिखवानेके लिए साहित्यिकको प्रोत्साहन देना, और पुस्तकोंको प्रकाशित करना;गोरबोली भाषा और साहित्य के क्षेत्रोंमें योगदान देनेवाले ग्रन्थकारों, लेखकों, कवियों, पत्र-सम्पादकों, समाजसेवकों ,प्रचारकों को पारितोषिक, प्रशंसापत्र, पदक, उपाधि से सम्मानित करना। इस कारणवश आँ,इं,बं,से,सं के अध्यक्ष मा, राजूसिंग नाईक साहबने सभी गोरभाई और आदरणीय साहित्यिक इस संम्मेलनमे संमेलित होणे का आग्रह किया है।संमेलनके योग्य मानकोंका अवलंब कर संमेलन का आयोजनकी प्रक्रियाओंके कामोंमे संमेलन के सभी संयोजक अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाये और इन संयोजकोको को सभी गोर भायीओंने सहयोग एंव सहकार्य देनेकी बात का जिक्र किया। गोरबोली की उन्नति के प्रयत्नों के साथ साथ समाजकी समस्याओं को दूर करने का भी उपाय किया जाना चाहिए इस बात पर बैठकमें मंथन हुआ ।
सा, सम्मेलन के इस दिशा में समाजके अनेक उपयोगी कार्य होणा जरूरी है। इस बात परही बैठकमें गोरभायीओं के साथ चर्चित की गई । इस साहित्य संमेलनको मा,सुभाष राठोड सौ,छायाताई राठोड निलेश पवार, दयाराम आडे, मा,श्रीकांत पवार साहब इन सभीका बहुमूल्य मार्गदर्शन मिल रहा है-तथा साहित्य संमेलनसे जुडी सभी गतिविधियोंको social media के माध्यमों द्वारा देश के गोरभाई तक पहुचानेका प्रसिद्धिके काममें गोर कैलास डी,राठोड और पंडित अ.राठोड काम कर रहे है।इस प्रसंग सभामें मुख्यतः श्री सुखलाल चव्हाण साहेब ,श्री सुनील हजुसिग राठोड, श्री दयारामजी आडे
प्रा.दिनेश एस.राठोड प्रा.रवींद्र बं.राठोड,
पंडित.अ.राठोड श्री,शेषमल राठोड, निलेश शिवराम राठोड, प्रा.संतोष एच.राठोड, ग्यानसिंग जाधव ,हरिष गणपतराव चव्हाण अरजूनीया सीतीया भूकीया, अविनास राठोड,डिगांबर नेमिचंद चव्हाण साहेब सहित मुंबई व उपनगरके अनेक गोरबांधव उपस्थित थे, समस्त देशभरके गोरबंजारा बांधव व साहित्य रसिक संमेलनम कामों में सहकार्य कर संम्मेलित होने का आवाहन ऑ.इ.बं.से.संघके राष्ट्रीय अध्यक्ष मा.राजूसिंग नाईक साहेबने किया है।
साहित्य संमे संयो.समिती
श्री.सुखलाल चव्हाण (मुंबई)
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सौजन्य: गोर कैलास डी राठोड
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