सभी गौभक्तों का इस पेज में हार्दिक
अभिनंदन है । इस पेज का एकमात्र उद्देश्य
गौमाता के दूध-दही, घी, मक्खन एवं
गौमूत्र तथा गौमय आदि से निर्मित
उत्पादों का हमारे दैनिक जीवन में महत्व
बताते हुए गौमाता की रक्षा करने हेतु
प्रत्येक सनातनी के मन में गौ माता के
प्रति श्रद्धा, आस्था एवं गौरक्षा हेतु
वैचारिक क्रांति का प्रतिपादन करना है ।
गौमाता के होने से ही हम सभी स्वस्थ,
निरोगी एवं दीर्धायु जीवन व्यतीत कर
सकते हैं ।
आज गौमाता पर बहुत बड़ा संकट आया हुआ
है । केवल भारतवर्ष में ही कत्ल्खानों में
प्रतिवर्ष करोड़ों की संख्या में गौहत्याएं
हो रही हैं । यहाँ तक सुननेमें आता है
कि कुछ कत्लखानों में तो गौमाता पर
पहले खौलता हुआ गर्म
पानी छिड़का जाता है
ताकि उनका चमड़ा नर्म हो जाए ।
तत्पश्चात उनके जीते जी हीशरीर से
चमड़ा उतारा जाता है ताकि वह अधिक
चमड़ा नर्म हो और अधिक से अधिक दाम में
बिके । चमड़ा उतारने के बाद उन्हें बहुत
निर्दयता से काटा जाता है। आज गौवंश
समाप्त होने की स्थिति में आ गया है ।
एक सच्चे सनातनी होने के नाते
गौ माता की रक्षा हेतु कम से कम
इतना संकल्प तो ले ही सकते हैं :-
१॰ किसी भी प्रकार के चमड़े की वस्तु
प्रयोग में नहीं लाएँगे ।
२. प्रतिदिन भोजन ग्रहण करने से पूर्व
गौ माता के लिए कम से कम १
रोटी निकलेंगे ।
३. केवल गौ माता का दूध और
गौ माता के दूध से निर्मित उत्पाद
ही प्रयोग में लाएँगे ।
४.प्लास्टिक
की थैलियों को कभी भी कूड़ेदान में
नहीं डालेंगे क्योंकि पर्याप्त भोजन के
अभाव में कुछ गौ माता भोजन की तलाश
में कूड़ेदान की ओर चली जाती हैं और
वहाँ खाद्य-वस्तुओं के साथ-साथ उनके पेट
में प्लास्टिक चला जाता है जिससे
कि उनको अत्यधिक पीड़ा सहन
करनी पड़ती है ।
५. अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाएंगे
ताकि वातावरण भी शुद्ध हो और साथ
ही साथ गौ माता के लिए पर्याप्त
चारा सुगमता से उपलब्ध हो सके ।
आप सबके सहयोग से
ही गौरक्षा का दैवी कार्य संभव है ।
अतः आप स्वयं भी इस कार्य में तन-मन-धन
से लगें तथा अपने सभी मित्र-
संबंधियों को भी प्रेरित करें ।
सौजन्य:- गोर कैलास डी. राठोड
स्वंयसेवक
गोर बंजारा संघर्ष समिती भारत,
संस्थापक/अध्यक्ष
जय सेवालाल बंजारा सेवा संस्था ठाणे महाराष्ट्र राज्य…
मों ९८१९९७३४७७