सत्य जीवण
➖आजेरो पवित्र विचार➖
आपणेकन विश्वास कम छ।
करन विकास थमगोछ।
अन अनर्थ वेळ घालते,बेसगेछा
वादविवाद करेम; उमर गुजरेलाग,छ।
आज जतरा भी नातो, छ उ एकमेकेर विश्वास र कारण तो टिकन छ।
जत विश्वास छेनी वत धणी-गोणणारो भी जोडा टिकेनी।
सृष्टी मायी जो भी छ उ से परमात्मार ईच्छा ती छ
वाळेन एक देवी करनाके।
जीतपरेन एक देवी करनाके।
जनगाणीन एक देवी करनाके
जो हर मनकयारो “सत्कर्म” करणु चाये वोन सेवा भी काछा, जेता कतो “सत” विचारेती जीत हासील करजेन “जेता” केणु कं छं।
जत देवेन फक्त आरदास विनती करेवाळ गोरमाटी,
एकज निसर्गेर निर्मिती करवाळे पवित्रआतमा परमात्मा न देव मानेवाळ आपण गोर अन वोन ततीस कोटी बणाण, देवधरम करेम।
वेळ चलेगी अन दुसरो आताणी माडी हवेली खोसलेगो।
अन जो सेरो बाप छ,
परमात्मा वोन भुलनाके।
साधु भोंगीया लोकुलार लागन
घर ठालो करलिदे ।
माडीहवेली मायी रेवाळ गोरोमाटी, काळेमाटीर लार-लार हिडंन काळो सैतान लगाडलिदो।
अन आब जाणु केवढी अन सेन एकजाग लाणु केवढी के मायी जनगाणी चलेगीछ।
अन आपण अजी शबदेरज फोड करते बेसन कोड लगाडलिदो अन आबेतोणी कोडो पडोछ, छुटता छुटरो कोनती।
जत परतेक जीवेर इतिहास आत्मा ती सुरु हछ, अन उ परमात्मा सेन देमेलोछ
तोभी वोपर विश्वास छेनी श्रद्धा छेनी,।
आज जो आपण बोलरे चालरे हालचाल हेरीछ आपणो कळजो फडफडरोछ उ वोरेजतो कृपाती छ भा।
परमात्मा ये जगेम हर प्रकारेर
दुकान वघाडन दिनोछ आब कायी लेरो अन कायी छोडेरो यी जेरेजेरे इच्छा पर छ।
परमात्मार वचन कछ तु मन:-
1) आत्मा ती धुंडीस तो तोन मळीये,
2) आत्मा ती खटखटायीस तो उघडीये,
3) आत्म विश्वासेती मांगीस तो मळीये।
➖➖➖किसु➖➖➖
प्रतिनीधी….
गोर. रविराज एस. पवार
स्वयंसेवक
गोर बंजारा संघर्ष समिती (भारत) व
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(Chif editor)
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