कुछ वर्षो में विलुप्त हो जायेगी बंजारा संस्कृति

बंजारा समाज अपनी संस्कृति ,,अपना समाज ,,अपनी बस्ती ,,,भाषा और पहनावे को सुरक्षित संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही राष्ट्रव्यापी अभियान चलाएगा ,,,यह निर्णय दिल्ली में आयोजित बंजारा समाज के प्रबुद्ध प्रतिनिधियों की एक आपात बैठक में लिया गया ,,,,,बंजारा फाउंडेशन के राष्ट्रिय अध्यक्ष कैलाश बंजारा ने बताया के बंजारा समाज राजस्थान की संस्कृति में जन्मा ,,पला ,,बढ़ा है लेकिन राजस्थान की सरकारों की दोहरी नीतियों के चलते बंजारा समाज अपने संरक्षण के लिए पलायन करता गया और महाराष्ट्र ,,आंध्रा ,,कर्नाटक ,,मध्यप्रदेश सहित कई राज्यों में स्थापित हुआ ,,कैलाश बंजारा ने बताया के राजस्थान में बंजारों की बस्तियों को लगातार निशाना बनाया जा रहा है ,,उन्होंने अलवर के नीमड़ी गाँव और भीलवाड़ा के ढीकोला क़स्बे में बंजारा बस्ती पर कातिलाना हमला कर आगजनी घटना का पूरा ब्योरा बंजारा समाज के पर्तीिनिधियों के समक्ष पेश किया ,,,,,,,,,,नई दिल्ली के कर्नाटक भवन में आयोजित बंजारा समाज की बैठक में राजस्थान में लगातार बंजारों पर हो रहे हमलों की घटना पर रोष जताते हुए सरकार के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया ,,,,,,कर्नाटक सरकार के पूर्व मंत्री और विधायक के शिवमूर्ति ने इस घटना पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा के बंजारा समाज को राष्ट्रिय स्तर पर एक होने की ज़रूरत है उन्होंने कहा के देश में बंजारों की भाषा लुप्त हो रही है ,,संस्कृति ,,पहनावा लुप्त हो रहा है और इस समाज को संरक्षित सुरक्षित करने के लिए सरकारों की कोई योजना नहीं है उन्होंने कहा की कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने बंजारों के विकास और संरक्षण के लिए विशेष पैकेज तैयार किया है जबकि वहां बंजारा समाज निगम की स्थापना कर बंजारा संस्कृति के संरक्षण का प्रयास किया गया लेकिन भाजपा के लोगों में बंजारों के पक्ष में कोई विज़न नहीं है सिर्फ वोट मांगने के लिए नरेंद्र मोदी ने बंजारा संस्कृति ,,,पहनावे और खान पान परअपना भाषण दिया था ,,,,,बंजारों की राष्ट्रीय चिंतन बैठक में निर्णय लिया गया के बंजारों की ग्वार भाटा भाषा को राष्ट्रीय स्तर पर संरक्षित करने के लिए संविधान की अनुसूची में शामिल करने की मांग उठाई जायेगी जबकि बंजारों को विशेष दर्जा देकर उनकी संस्कृति ,,पहनावा ,,संरक्षण ,,उनके रीती रिवाजों का सर्वे करवा कर उनके लिए विशेष पैकेज की मांग की जायेगी ,,,इसके लिए शीघ्र ही एक राष्ट्रिय संघर्ष समिति का गठन कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ,,,,गृह मंत्री राजनाथ सिंह ,,,नितिन गडकरी सहित बंजारा बाहुल्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बैठक आयोजित कर उन्हें प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जायेगा ,,,बंजारा बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि बंजारों के टाण्डा जो गांव में बाहर एक बस्ती का रूप होता है उसके विकास के लिए योजना आयोग कोई विकास राशि नहीं देता है इसके लिए पृथक से विकास राशि और विकास योजना के प्रस्ताव शामिल करवा कर आर्थिक पैकेज की मांग की जायेगी ,,,,,,कर्नाटक भवन में आयोजित बंजारा समाज की राष्ट्रिय संघर्ष कार्यसमिति की बैठक में कोटा से कैलाश बंजारा ,,जयपुर से राजेन्द्र सिंह सोमावत ,,,भरतपुर से मानसिंघ बंजारा ,,,महाराष्ट्र से सोहन सिंह राठोड ,,कर्नाटक से पूर्व मंत्री वर्तमान विधायक के शिवमूर्ति ,,,आंध्रा से पूर्व विधायक मनोहर नायक ऐनापुर ,,,दिल्ली से पृथ्वी सिंह राठोड ,,,प्रमोद नायक ,,,सुजालाल पंवार ,,,भारत राठोड ,,हेमू बंजारा ,,,धरमसिंघ राठोड मुंबई ,,,रामपाल जी ,,अरविन्द नायक सहित सभी राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे !