दोस्तों हमें हर कार्य निस्वार्थ भावना से खुले आम करना चाहिए।ताकि हम जो भी कार्य कर रहे हैं।उसका अभ्यास सबको होना जरूरी है।और हम जो भी कार्य करेगें सच्चे मन से करेगें यहीं हमारा लक्ष्य होना चाहिए।अगर हमारे इस कार्य को करने में हमारी कार्यगती धीमी होती है। तो कोई बात नही।क्योंकि “खरगोश और कछुऐ” की दौड़ में धीमी गति ही काम आई थी।और हमें इस बात को समजकर। हर फैसले और हर कदम आगे बढाने की जरूरतें है।
अगर हम कोई कार्य कर रहे है।और उस कार्य में कोई भी कठीनाईयाँ नही आती है।तो समज लो की हम गलत रास्ते पर चल रहें हैं।इन सभी बातों को ध्यान में रखकर समाज मे चल रहे हर कार्य को समजकर “गोर बंजारा संघर्ष समिती (भारत) का निर्माण किया गया है।और समय लगेगा तो भी कोई बात नही क्यों कि हम निस्वार्थ स्वंयसेवकों की तलाश में हैं।और हमें पता है।की समाज में निस्वार्थी लोगों की आज भी कमी नहीं है।
हम धीमी गति से करेगें पर सही करेंगे।
धन्यवाद भाईयों
🙏जय सेवालाल🙏
एक समाज हितचिंतक
गोर गजानन डी राठोड
स्वंयसेवक गोर बंजारा संघर्ष समिती (भारत)
9619401377