”वाते मुंगा मोलारी”
भीमणीपुत्र
“भुगर्भशासज्ञ एडवर्ड स्वेस येर संकल्पना माइरो ‘ गोंडवाना लॅन्ड’ (पंच महाद्विप) अन गोर लोकसाहित्ये माइरो ‘पंचमळ देस’ ये एकज कळीर नाम”-
“मौखिक साहित्य इ भाषाशास्त्रेर खुराक छ, अन ओर साथोसाथ ऐतिहासिक पूरावेरो एक महत्वपूर्ण साधन बी छ; करन इतिहास, भुगोल, खगोलशास्त्र ये संशोधन क्षेत्रे माइ मौखिक साहित्येरो मोल घणो मोटो रचं. संशोधनेर दृष्टीती लोकसाहित, संस्कृती, बानो, गेणागाटा, लोक विचारधारा येर आज बी गरज छ.
धरती याडी इ नऊ खंडेर छ, हानू डायसाण केते आरे छ.पृथ्वीर दक्षिण गोलार्धे माइर दक्षिण अमेरिका, आफ्रिका, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्क्टिका, भारत ये पाचमहाद्विपेरे सलग भूभागेनं भूगर्भशास्त्रज्ञ एडवर्ड स्वेस ” गोंडवाना लॅन्ड” करन संबोधमेलो छ. लक्षावधी सालेर आंगड्या ये पाच खंड अखंड स्वरुपेम एकज जाग वेत्ते. पृथ्वीरे ऊत्तर गोलार्धेनं ” युरेशिय” केमेलो छ.
पृथ्वीर द.गोलार्धे माइर द. अमेरिका, आफ्रिका, ऑस्ट्रेलिया, अंटार्क्टिटका, भारत ये पंचमहाद्विप (गोंडवाना लॅन्ड) गोर लोकसाहित्येमं “पंचमळ देस” ये नामेती जीवते छ.अन ऊत्तर गोलार्धे माइर ” युरेशिय” ये च्यार खंड ” आचमळ देस” ये नामेती ओळखावचं.
आज बी पृथ्वीर प्रतिकृती चोको स्थानी पाच खंडेर प्रतिक करन पाच जागेपं निवधेर पाच खांड मेलेर प्रथा छ.गोर बोलीमाइर इ ‘ खांड’ शब्द खंड वाचक छ.
एडवर्ड स्वेस येर मते माइरो ” गोंडवाना लॅन्ड” अन गोर लोकसाहित्ये माइरो ” पंचमळ देस” ये दोइ एकज कळीर नाम छ.अन आदिम गोंड/ गोर ये लोक गणेर मातृभूमी छ ठरचं.
“आज बी अंटार्क्टिका ये खंडेपं छो मीना आंधारो रचं.गोर रामायणे नुसार राम लछमण जना पारध करन होटो आये तो झुपडीमं ओनेनं सीता दकायी कोनी. च्यारीवडी आंधारो पडगोतो, इ छो मीनारो आंधारवडो रं.इ गोर रामायण अंटार्क्टिका ये खंडेती मेळ खावचं” हानू आ.क.राठोडेर केणो छ.
गोरुर वायाम बी पाचखंडेर प्रतिक करन पाच कल्डी एकेपएक मेलनऊपर वडतो चलोकडार प्रतिकृती मेलचं ओनं आकढाकेती ढाकन रकाडचं. वडतो चलोकडा इ जीव पाच खंडेमं कतीबी विहार कर सकचं येर इ चिताणी छ.
” ढाकडा” इ भारतीय झाड गोर धाटीमं ‘ जीवन तरू’ Tree of Life तो “आक” इ Tree of Vision कतो ‘ जीवन दृष्टी ‘ करन ओळखावचं. आकढाके सवायी मण्णो, पण्णो ये संस्कार पूर्ण वेयेनी. इज चलोकडा तीजेम बी आढळचं. चलोकडार दोना बी पेरावचं. चलोकडा(जीन) तीज (सृष्टी) ये एकमेकेनं पुरक छ.’ जीवे आड जनगानी’..! सृष्टी छ तो जीव छ; जीव छ तो सृष्टी छ इ भाव सुचकता येमाइती प्रकट वचं.
पंचमळ देसे विषयीर स्मृती लोकसाहित्येमं आज बी जीवत छ.
ऊद:-
” आचमळ धुंडे पंचमळ धुंडे
झुंडी छ गोजरार
फळे माइती फुल निकळो
सरता! करलो विचार
ऊ फुल कुणसो..?
धरतीरे ऊत्तर गोलार्धे माइर युरेशियार च्यार खंड कतो आचणळ देसाम बी धुंड लिदे, दक्षिण गोलार्धे माइर पंचमळ देस ( गोंडवाना लॅन्ड) बी धुंड लिदे, ये धरती परं आसो एक फूलेर गजरा छ क, ऊ फळे माइती निकळचं..ऊ कुणसो फुल विये..? सरता…श्रोते हो..करो विचार…?
( कांदार फुल)
गोर साकतरे माइरो ‘ आचमळ देस’ इ च्यार ख॔डेर युरेशिया’ तो ‘ पाच खंडेर पंचमळ देस’ इपंचमहाद्विप गोंडवाना लॅन्ड ये आर्थेती सिद्ध वचं.
आदिम लोक गणेर कुळेर ऊत्पती इ ‘ देवक’ कतो पशु, पक्षी आसे नैसर्गिक घटकेतीवचं.इ ‘ टोटम’ व्यवस्था बी तांडेम रुढ छ.
पेना गोर टोळीर तीन छोरी जंगलेमं गमागीती, वडेर झाडेर आसरेती रातभर जंगलेम री, वांदर ओनेर संरक्षण किदे ..जनाती ‘वड’ इ वडतियारो ‘ टोटम’ बणगो.अन वडतिया इ नाम रूढ हुवो.
वडतिया वड खोदे वडतियारी छोरीनं वांदर पोसे जकोण हाम देके..!
इ गोर लोकसाहित्येर जड थेट डार्विनेर सिद्धांतेन जान भिडचं.गोर बोली माइरो ‘ मनक्या’ इ शब्द बी ‘ मंकी’ ये शब्देरो तत्सम रुप छ. मंकी>मंकीया>मनकीया- मंकीरो उत्क्रांत स्वरुप कतो मनकीया इ डार्विनेरो सिद्धांत जर खरो मानेर विये तो इ बी मानणो भाग पडचं क, गोर मनक्या इ सदा पुर्वाश्रमीर नर-वानर Primate ये कटमाळे माइरो एक प्रमुख सदस्य छ.
Goar Vadatiya- The ancestor of human being
वडतियारो इ बी इक आदिम चेहरो मुड्यांग आवचं..
वांदर, ल॔गूर, गोरिला, चिम्पांझी, एप ये सेरो पुर्वज पेना एकज रं हानू अभ्यासकेरो केणो छ. ये कटमाळे माइरो ‘ गोरिला’ ई शब्द सदा ‘ गोर’ ये शब्देती नातो जोडचं.
मानव सदृश प्राणीनं दिने जकोण ” गोरिला” ये नामेरो ऊगम जतरा लारं जावचं ओतेतीज ” गोर” ये शब्देरो उत्पत्तीरो प्रवास सुरू वचं.
केयेर मतलब आतराज छ क, भारतीय आदिम जमाती माइरो गोरमाटी इ एक स्वतंत्र आदिम लोकगण छ…गोरूरो गौरवशाली आदिम इतिहास इ गोर लोकसाहित्येरे कडी कडीम मंडागो छ..लोकसाहित्येर संवर्धन वेणू इ गरजेर छ..
संदर्म- नसाबी
मारोणी
भीमणीपुत्र
मोहन गणुजी नायिक
प्रमुख प्रतिनीधी.
रविराज एस. पवार
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