“जिंदगी के सफर मे पाच इंसान कि जरूरत”

मुझे पैसा नही बल्की,इंसान जोडना हैं।
आप सब मेरे भाईयों को मेरा कहना हैं।
जिंदगी के सफर मे हर भाई कम से कम चार भाईयों को जोडना बहुत उच्चित रहेंगा। पैसा,धन,कारोबार कुछ साथ नही आता,आत्ता हैं तो बस आपका आछा कर्म,समाज के लिऐ किया हुआ कर्तव्य,आप दुसरो के लिऐ अछा सोचोंगे तो दुनिया आपके लिऐ बिलकुल वैसा ही सोचेगी जैसे आप सोचरेहे हो। सब कुछ अपने उपर हैं।
धन्यवाद…
जय सेवालाल…
गोर कैलास डी.राठोड
स्वयंसेवक गोर बंजारा संघर्ष समिती भारत,

image