🌼दल (मन)🌼

शान्ति त्यागे ती मळछ दलेर एकाग्रता ती कोनी.
दलेन भगवाने ती अतराभी लगाडनु जरूरी कोनी
जतरा जरूरी भगवानेम खुद
लागनु जरूरी छ.
स्वता भगवानेम लागजाईस तो दल अापो-आप भगवानेम लागजावछ.
दलेन स्थिर करनु मूल्यवान छेनी
प्रत्युत स्वरूपेर स्वत:सिद्घ निरपेक्श स्थिरतार अनुभव करनु मुल्यवान छ.
जनालगु दले्न संसारेती हटान परमात्मा म लगाडेर कोशीस रेये जनलगु दलेर सर्वथा निरोध कोनी वेवाळो.
दलेर सर्वता निरोध जना विये,
जनालगु परमात्मार भिना दुसरो दलेम काइकोनि रीये.
निष्कमभावे ती बुद्धि प्रापत वछ वजी अभ्यासे ती दल स्थिर वछ.
कल्याण बुद्धिर स्थिरताती वछ,
दलेर स्थिरता ती कोनी.
दलेर स्थिरता ती सिद्धियाँ वछ
दलेम संसारेर जो वातछ वो हटायेर जतरा जरूरी छ
वतराज दलेर चंचलतान हटायेर जरूरत छेनी.

  …..जय सेवालाल…..

गोर रविराज एस.पवार
स्वयंसेवक
शामपुरहळ्ळि तांडो
ता.चित्तापुर जि.गुलर्बगा
र्कनाटका़ 585218
गोर बंजारा संघर्ष समिति (भारत)
8976305533