प्रत्येक अच्छा कार्य पहले असम्भव नजर आता है।
असफलता से सफलता का सृजन किजीये। निराशा और असफलता के दो निश्चित आधार स्तंभ है।
एक सफल व्यक्ति वह है जो औरो द्वारा फेंके गए ईंटों से एक मजबूत नीव बना सके।
यदी आप सफलता चाहते हैं तो इसे अपना लक्ष्य ना बनाइये सिर्फ वो करिए जो आपको अच्छा लगता है और जिस में आपको विश्वास है, और खुद – बखुद आपको सफलता मिलेगी।
जो समाज केलिए कुछ करना चाहता है। उसे साथ दो तो उनका भी मनोबल बढ़ेगा और आप को भी समाज केलिए कुछ कर दिखाने का मौका मिलेगा।
जय सेवालाल
गोर गजानन डी राठोड
स्वंयसेवक
गो.ब.सं.स.भारत
संस्थापक
जय सेवालाल बंजारा सेवा संस्था ठाणे महाराष्ट्र राज्य
व
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