साँभर झील से भराया
भैंरु मारवाड़ी ने
बंजारा नमक लाया
ऊँटगाड़ी में
बर्फ़ जैसी चमक
चाँद जैसी बनक
चाँदी जैसी ठनक
अजी देसी नमक
देखो ऊँटगाड़ी में
बंजारा नमक लाया
ऊँटगाड़ी में
कोई रोटी करती भागी
कोई दाल चढ़ाती आई
कोई लीप रही थी आँगन
बोली हाथ धोकर आई
लायी नाज थाली में
बंजारा नमक लाया
ऊँटगाड़ी में
थोड़ा घर की खातिर लूँगी
थोड़ा बेटी को भेजूँगी
महीने भर से नमक नहीं था
जिनका लिया उधारी दूँगी
लेन-देन की मची है धूम
घर गुवाली में
बंजारा नमक लाया
ऊँटगाड़ी में
कब हाट जाना होता
कब खुला हाथ होता
जानबूझ कर नमक
जब ना भूल आना होता
फीके दिनों में नमक डाला
मारवाड़ी ने
बंजारा नमक लाया
ऊँटगाड़ी में