“बंजारा समाज का इतिहास सदियों पुराना हैं”
वैसे तो संपूर्ण भारत देश में भिन्न–भिन्न समाज जाति धर्म के लोग निवास करते हें, जिनमें से एक बंजारा समाज है, जिसका इतिहास वर्षों नहीं सदियों पुराना है । भारत में वर्तमान में बंजारा समाज कई प्रांतों में निवास करता है। महाराष्ट¬, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, राजस्थान, गुजरात, उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश प्रातों में बंजारा समाज की संख्या अधिक है । पूरे देश में अपनी एक अलग ही संस्कृति में जीने वाले इस समाज को अपनी विशिष्ट पहचान के रूप में जाना जाता है। वैसे भारतीय संविधान अनुसार समाज विकास के लिए प्रदेश स्तर पर अलग–अलग कानून बनाये गये है, जिसके कारण बंजारा जाति को किसी प्रदेश में अनुसूचित जनजाति तो किसी प्रदेश मे पिछड़ा या विमुक्त जाति की सूची में रखा गया है पुरे देश में बंजारा हेतु एक जैसा कानून नहीं होने से यह समाज आज भी विकास की मुख्य धारा से नहीं जुड़ पाया है। इसके कारण म.प्र. सहित कई प्रांतों के बंजारा जाति के लोग अपनी रोजी–रोटी हेतु अलग–अलग प्रांतों में पलायन कर अपनी आजीविका चला रहे हैं । वर्तमान में बंजारा जाति की जनसंख्या पुरे देश मे लगभग दस १० से १५ % है, फिर भी प्रदेश, जिला व गट स्तर पर इस समाज का प्रतिनिधित्व नहीं होने के कारण समाज आज भी विकास की राह देख रहा है । ऐसे समाज को सरकारी व गैर सरकारी, राजनैतिक संगठनों में कम से कम इतना प्रतिनिधित्व तो दिया ही जाना चाहिए, जिससे सदियों से पिछड़े इस समाज के विकास का रास्ता प्रबल हो । समय रहते हुवे यदि शासन स्तर पर समाज की कोई ठोस पहल नहीं की जाती है । तो समाज अब अपने अधिकारों के लिए और अधिक समय तक इंतजार नहीं करेगा व अपने स्तर पर विकास हेतु भावी समाज के प्रती भावनाओं को देखते हुये बंजारा समाज गोर बंजारा संघर्ष समिती के साथ जुडकर समाज को सही राहोपर लेजाने के लिऐ एक होकर न्याय के लिऐ संघर्ष करके समाज को न्याय दिलाना है. तो आवो साथ जुडकर बंजारा समाज को जोडने मे साथ दे…जुडो और जोडो का नारा लगायें जय गोर जय सेवालाल…
श्री रविराज टी.राठोड
संयोजक गोर बंजारा संघर्ष समिती/संपादक राज बंजारा हिंदी साप्ताहीक
कैलास डी.राठोड
समाज सेवक गोर बंजारा संघर्ष समिती….!