बंजारा समाज के आरक्षण के मांग का इतिहास

बंजारा समाज ने सबसे पाहिले ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ ( All India Banjara Seva Sangh, AIBSS) के माध्यम से 1953 मे दिग्रस जिला यवतमाळ महाराष्ट्र, यहा ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ के कॉन्फरन्स मे आरक्षण की मांग की थी । इसी कॉन्फरन्स के बीच उत्तर प्रदेश के कुछ युवा बच्चो ने ( प्रा प्रीतमसिंग नायक ) और उनके साथीओ ने कडा विरोध किया था, आज भी वह जीवित है ।

8 सप्टेंबर 1966 को रकाबगंज गुरुद्वारा मे, बंजारा समाज का राष्ट्रीय स्तर का, कॉन्फरन्स हुवा था। जीसमे तत्कालीन प्रायमिनिस्टर श्रीमती इंदिराजी गांधी ( Ex PM Indira Gandhi ), उनके साथ महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री वसंतरावजी नायक ( Ex CM Vasantrao Naik ) और रक्षा मंत्री यशवंतराव चव्हाण, रामसिंगजी भानावत (Ramsingh Banawat) के साथ, अन्य बुजुर्ग नेताओने, जोर सोर से बंजारा समाज का, एस.टी का आरक्षण देनेकीं मांग उठाई । श्रीमती इंदिराजी गांधीजी ने अपने भाषण मे, आरक्षण देनेका वादा दिया था आश्वासीत किया था , और 1967 संसदमे आरक्षण का बील लाया, लेकीन एस.टी समाज के सांसदोने कडा विरोध किया, और बील पास होने नही दिया ।
इस दौरान रणजीतजी नाईक, के.टी राठोड, चंद्राम चौहान गुरुजी, हिरामण सदा पवार, मुडे गुरुजी, रवींद्र नायक पूर्व सांसद, बाबूसिंग नायक, हरजी नायक यह टीम रामसिंग भानावतजी के साथ, प्रयासरथ रहे, हर पाच साल मे, कही ना कही, देश के बंजारा समाज का कॉन्फरन्स होता था, तब आरक्षण की मांग की चर्चा होती थी, लेकीन देश मे बंजारा समाज के आरक्षण के लिये, ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ ने, कभी रॅलीया, आंदोलन नही किया, अगर आरक्षण के बारे मे आज तक, किसिने आंदोलन या रॅली निकाली होतो, वो सिर्फ हरिभाऊ राठोड ने निकाली है।

श्रीमान रामसिंगजी भानावतजी के अथक प्रयासोसे, फिर एक बार 1972 मे इंदिराजीने बील लाया, यह बील चर्चा मे तो आया लेकीन, एस.टी के सांसदोने यह बील पास नही होने दिया। और (JPC) जॉईंट पार्लमेंटरी कमिटी के पास भेज दिया गया । 15 सांसदोने JPC के माध्यम से, पुरे देश का दौरा किया और, सरकार से शिफारश की, बंजारा समाज को एस.टी का आरक्षण देना चाहीये।

सरकार ने फिर एक बार, अखिरमे 1976 को संसदमे बील लाया, इस बील को और भी कडा विरोध झेलना पडा, 42 एस.टी के सांसदोने अपना ईस्तीफा, श्रीमंती इंदिराजी गांधीजी को सोप दिया, और कहा की, अगर आप बंजारा समाज को एस.टी मे लाना चाहते हो तो जरूर लाईये, लेकीन पहिले हमार इस्तीफा मंजूर कर लिजीए।

इस घटना के बाद, काँग्रेस पार्टीने या जनता दल ने या बीजेपी ने, कभीभी इस तऱ्हा का बील संसदमे नही रखा, या रख पायेगी ,या बील पास करा सकेगी, इसका सीधा मतलब, यही है की, बंजारा हो धनगर या अन्य कोई भी समाज, आज के तारीख मे एसटी का आरक्षण मिलना असंभव है, नामुंकीन है।

उपरोक्त सारी बाते देखने पर, इसकी पुरी स्टडी, अध्ययन करणेके बाद, और संवैधानिक तथ्थो के आधार पर, मैने सोचा,और मेरी ये धारणा पक्की हो गयी, की किसीं भी हालत मे बंजारा समाज को, एस.टी का आरक्षण नही मिल सकता। लेकीन इसका मतलब ये नही है, एस.टी का आरक्षण का मतलब केवल आरक्षण नही है, महाराष्ट्र मे जीस तऱ्हा बंजारोको आरक्षण दिया,(VJNT) ये भीतो आरक्षण है, इस आरक्षण से भी तो नोकरी मिलती है, डॉक्टर, इंजिनियर, बनते है, शिक्षा मे स्कॉलरशिप मिलती है, और सेवाओमे प्रमोशन मीलता है, इसलीये मेरी मांग वही है, जो महाराष्ट्र मे आरक्षण मिलता है, वह देश मे केंद्र सरकार से मिले । और जहाँ जहाँ एस सी, एस.टी का आरक्षण नही है, वहा भी महाराष्ट्र के तर्ज पर ( मध्यप्रदेश, गुजरात, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ, उत्तरांनचल, हरियाणा, पंजाब ,तामिळनाडू, गोवा) इन राज्यो मे भी बंजारा समाज को,महाराष्ट्र जैसी सुविधाऐ मिल सकती है। इसलीये मै आंदोलन करुंगा, सरकार के उपर पुरा पुरा दबाव बनाकर, समाजको संघटित करुंगा,और विमुक्त घुमन्तु का आरक्षण दिलाने पर ही प्राण त्याग करुंगा।

यह मेरा सच्चा मिशन है । एसी पोष्ट मै बार बार लिखते रहता हू, फेसबुक पर जन की बात करता हू । लोकसभा मे ढाई घंटा इस विषयपर चर्चा कराई है, युट्युब, फेसबुक, व्हाट्सएप पर, हर आदमिके, मोबाईल पर यह जानकारी उपलब्ध है, इसके बावजुद भी, आरक्षण के विषय पर आप मुझे संपर्क कर सकते हो। लेकीन कृपया आनेवाली पिढी के लिये, सही ज्ञान मिले !

ताजा कलम
मुझे यह दिल से महसुस हुवा, की बंजारा समाज को कभीभी एस.टी का आरक्षण नही मिल सकता, क्यू की आरक्षण को मंजूर करणे वाले, संसद मे एसटी के सांसद जो बैठे है, वह ये कथही बील पास होने नही देते, मा . मोदीजी भी नही कर सकते, मा राहुल गांधीजी भी नही कर सकते, इसलीये जो आरक्षण मील सकता है, उसी की मांग मैने 20 साल पहले की थी, और इसलीये हम सबके लिये,ये बडी खुशी की बात है, जैसे डॉ बाबासाहेब आंबेडकरने संविधान मे एस सी एस टी, का आरक्षण करवाया, उसी तऱ्हा, अपने देश के महान संविधान मे विमुक्त और घुमन्तुके लिये अलग आरक्षण ( जीसमे बंजारा भी शामिल है ) मै दिलवारा हू, यह कोई मामुली बात नही है, मेरे प्रयासोसे अतिपिछाडे समाज जैसे की न्हावी, वाडी, खाती, बढई, विश्वकर्मा, सोनार, सुतार, धोबी, तेली, माळी, कोळी, गोवारी, धनगर, वडर, भोई, बेलदार ऐसे वंचित समाज के लिये, केंद्र के 27% आरक्षण को नीचे दिये हुये, सात भागो मे बाटने के लिये, जस्टीस रोहिणीजी को रिकवेस्ट लेटर भेजा है, अब वह एस आरक्षण को तीन/ पाच/ या सात भागोमे बाट सकती है, जो भी होगा हमारे समाज के लिये, फायदेमंद होगा । बंजारा समाज के बिस से पच्चीस बच्चे हर साल IAS, IPS, बनेंगे और एक हजार बच्चे हर साल, रेल्वे , पोष्ट ऑफिस, LIC, GIC, विमान कंपनी , ऐसे कार्यालयो मे, उनको नोकरी मिलेगी। मेरा दावा है, ओबीसी Sub-Categarzation होने के बाद, बंजारा समाज का, एक भी ग्रॅज्युएट बच्चा बिना नोकरी नही रहेगा । लेकीन दुर्भाग्य है हमारे ग्रॅज्युएट बच्चे मेरे बात को, समझ नही पा रहे है। एक प्रीतमसिंग नायक पुरे आरक्षण को रोक दिया, मेरे विरोध मे तो, दस बिस प्रीतमसिंग व्हाट्सएप लगे रहते है,

इसलीये फिर से मेरा अनुरोध है, देश का संविधान देखीये, मंडल आयोग की रिपोर्ट देखीये, एल.आर. नायक, सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट और संसद मे मेरा रिजुलेशन देखीये, जस्टीस ईश्वररैया जी का रिपोर्ट देखीये, और श्रीमान मोदीजी मे मंत्रीपरिषद मे 23 ऑगस्ट 2017 को लिया हुवा, निर्णय देखीये, और अभी जस्टीस रोहिणीजी के समक्ष जी निवेदन मैने दिया है, उसे देखीये, और उसके बाद ही आप भला बरा लिखिये।
यह सारी बाते युट्युब, फेसबुक, वेबसाईटपर उपलब्ध है।
एसीके साथ आपका
धन्यवाद
Haribhau Rath ctod, Ex MP

*हरिभाऊ राठोड*
*पूर्व सांसद* एवम,
*विधायक महाराष्ट्र विधानपरिषद*

Editing By Govind Rathod

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