प्रतीनिधी
रविराज एस. पवार
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बंजारा संगीत क्षेत्र के दिग्गज तपसीराम आज हमारे बीच से चले गए ,,न जाने हजारों हजारों सालों तक वे आवाज़ सभी के कानो में गूँजती रहेगी ,हर समय जब कोई कार्यक्रम होगा यह महान संगीतकार हमे ज़रूर याद आयेंगे.तपसीराम के वे भजन केवल भारत ही नही देश के बहार भी आज हमेशा चलती रहेगी लेकिन तुम कही नज़र नही आवोगे तपसीराम ,तुम अमर हो ,
बँजारे संगीत क्षेत्र में अपने नये अंदाज़ में अपनी छाप छोड़नेवाले तपसीराम स्वयम भजन लिखकर गाया करते थे ,लोगों के दिलों दिमाग में बसनेवाले कलाकार आज हमारे बीच से बहूत दूर दुनिया में चले गए है.।ऊन महान कलाकार के बिना हर बंजारा कार्यक्रम,जात्राऐ सुने होगे,संगीत क्षेत्र को बड़ी छवी इन हस्ती की मौत से हुई है ।
जब मैं छोटा 13-14 सा का था जब कलकौरा के मरीयम्म देवी जात्रा महोत्सव में तपसीराम ने एक नये अंदाज़ में अपने कोट बूट में बिजली लगाकर आये थे ,यह घटना केवल मुझे ही नही हर बँजारे के मन में आज भी ताजा है..जब से आज तक हजारों भजन लिखकर गाये है ।
उनके कई प्रमुख भजन आज भी हर बंजारे के जुबान पर चले आती है..”है भारत महान मारो प्यारौ हिन्दुस्थान तारो करूँ वर्णन “हम से छा परदेशी जानू देश छोड़न,”आज मन वलादीने चाली सासरौ “,ऐसे हाजरौ भजन इतने प्रमुख रहे साथ कई अलुबाम उन्होने बनाई.,कुंवारी चोरी आदि ।
तपसीराम का वैयक्तिक जीवन भी इतना ही रंगीन रहा ,जीवन में कई उतार चडाव को उन्होने देखे और भोगे है ,जब उन्होने विदेश में रहा करते थे ,वे अलग जिंदगी जीते थे . राजनीति से करीब सम्बन्ध रखनेवाला तपसीराम कई बार जील्ला परिषद और एक बार कमलापुर क्षेत्र से विधायक के आम चुनाव लड़कर हारे थे ।सामाजिक सेवा में हमेशा आगे रहते थे.कुल मिलाकर तपसीराम एक शौकीन व्यक्ति थे ,खुले दिमाग और अपनी बातों से आगे के हर व्यक्ति को अपने वश में करलेना इनके स्वभाव की विशेषता थी ।
अतः ऐसे महान हस्ती हम से आज विदा लेली भगवान उनकी आत्मा को परिवार के लोगों को दुख -दर्द सहने की शक्ति प्रदान करे,हमारे बीच और एक बार तपसीराम का जन्म हो यही मैं प्रार्थना करता हूँ ।