बंजारो की होली
हम बंजारो की बात निराली है
त्यौहारोमें त्यौहार हमारा होली है |धृ|
केसुला है फुल हमारा….
केशरीया ओ रंग…….
रह जाओगे दंग ………
यह तो बंजारो की होली है |1|
धुम मची है चारो ओर….
गली-गली मचा है शोर..
गाँव हुआ शराबोर भिगा..
नाता दामन-चोली है…. |2|
हम बंजारो की होली है!
गाते लेंगी-जोड़े पाई…….
डफड़ा बाजे डम डम डम
तांडो नाचे छम छम छम….
मानो सारी दुनिया डोली है |3|
हम बंजारो की होली है!
हम है प्यारे सबसे न्यारे…….
ठाट-बाँट निराला है……..
गातै रहते अपनी धुनमे……
खेले हमजोली है…….. |4|
हम बंजारो की होली है
सेवालाल के चरणो की धुल..
वंसत नायक नाम का गेंदा फुल
माफ करदो सारी भुल…..
रंग केसुला की लाली है .. |5|
हम बंजारो की होली है
लेखक/कवी: सुरेश राठोड़, काटोल ७३५०७३९५६५
प्रमुख प्रतिनिधी: रविराज एस. पवार 8976305533