मुम्बई: 1 जून से महाराष्ट्र शासन द्वारा जारी फरमान के चलते दो महिनो के लिए मच्छीमार व्यवसाय करने वाले अपनी बोट लेकर समुन्दर में जा नहीं सकते है जिसके चलते मुम्बई कुलाबा के हजारो व समुद्री किनारे के लाखो मजदुर बेरोजगार हो जाते है । ऐसे में महाराष्ट्र के 720 कि.मी. तक फैला समुद्री किनारा परिसर में होने रोज होनेवाला करोड़ो का कारोबार बंद हो ज्याता है ऐसे में ससून डॉक, भाऊ चा धक्का तथा अन्य किनारो पर काम करने वाले हजारो लाखो मजदुर भी बेरोजगार हो ज्याते है । इन दो महिनों में मच्छी व्यापारियों को साथ देनेवाले हजारो बंजारा समाज के लोग मच्छी किनारे से लादकर ले जाना, तथा नानाप्रकार के कामो में व्यवसायियों का हात बटाते है और रोज की अपनी मजदूरी पर निर्वाह करनेवले इन मजदुरो का इन दो महीनो तक बेरोजगारी के चलते बेहाल होता हैं।
तकरीबन ऐसे 16 हजार परिवारों की पेट पर बन आटी है इसी लिए महाराष्ट्र सरकार से कई बार अनेक संघटनेने व गोर बंजारा संघर्ष समिति भारत के संयोजक व राज-बंजारा के संपादक रविराज राठोड़ ने पत्र ववहार कर कामगार मंत्री से बैठक कर इस समश्या को दूर करने के लिए प्रयास किया था, जिसके चलते आघाडी सरकार के कामगार मंत्री भास्कर जाधव ने माछीमार कामगार महामंडल की स्थापना किया था जिसका कार्यालय मस्जिद बन्दर में खोला गया है परंतु चुनाव घोषित होने के चलते आगे कुछ हुवा नह्।ं अब युति सरकार का ध्यान कई संघठनोने आकर्षित करने के बावजूद कोई भी ठोस निर्णय अब तक लिया नहीं है जिसके चलते बहुत जल्द संयोजक व सांपादक रविराज राठोड़ व अन्य कई संघटन के साथी कामगार मंत्री से मिलकर पात्र देकर कमगारोंको बेरोजगार भत्ता देने की मांग करनेवाले है यह जानकारी राठोड़ ने दी है।
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