“लक्ष चंडी “महायज्ञ” आयोजन कि चर्चा ना होती तो”?…
अपनो मे चूपे गैरों का कभी पत्ता ना चलता”
लेखक:- सूखी चव्हाण
बंजारा समाज की काशी माने जानेवाली हमारा श्रद्धास्थान पोहरादेवी के पावन भूमि में “लक्षचंडी” ‘महायज्ञ’ आयोजन की बात ना होती तो ? कैसे पता चलता? कि जीन जीन लोगों को हमने गोर समाज का मंच दिया उनकी भाषा सुनी,बर्दास्त किया और वोह हमारा फ़ायदा लेकर उस गिरोह ने समाज-द्रोह किया.और दूसरे धर्म से प्रेरित होगये. समाज द्रोह करनेवालो कि जडे कहाँ-कहाँ और किस-किस रूप में फैल चुकी है! यें हम देख रहे है. हमारे समाज के युवा सावधान रहे ये समाज में ‘अवैचारिक’ आतंक फैला सकते है किसिको भी अपमानित कर सकते हैं.। इसमें यह तरबेज है। क्यों कि इनको प्रशिक्षित करते है।शायद इनकी शिक्षा (पढायी) यही है। समाज को ऐसे गद्दारोसे बचे रहने की आशंकाओं से हमे युवाओं के साथ जुडकर एक गुट हिंसात्मक रूप देना चाहते है। उसका प्रत्यक्ष हाल ही में आ रहा है। इस तरह की गिरोह का एक मात्र नारा है। नकारात्मक सोच समाज में अस्थिरता बरक़रार रखना इनको बंजारा समाज में कोई भी अच्छाई नज़र नही आती। होली हो उनमे भि अपनी बिन बजायंगे और अविचारि ज्ञान देके अंगार लगायेंगे। दीवाली में भी अशुभ बातें करके पवित्र दिया मे नफ़रत का तेल डालेंगे तीज में नकारात्मक विचारोका बीज बोयेंगे ये भावनाओं से खेलते हैं। ये सम्मोहित भी कर सकते हैं। अगर इन्हें कोई भी धर्मपरिवर्तन क़रना हैं। बेशक करे इनका स्वागत और सत्कार करना चाहिय और हंसीख़ुशी के साथ बिदा करना चाहिए ! और वादा करना चाहिए मेरे भोले भाले समाज को ग़लतिसे भि बुरे नज़रसे ना देखे। हमारे बापू को अहंकार से लांछन ना लगाए गोर समाज की अस्मिता है। हमारी जान है।सेवालाल बापू के उत्तराधिकारी है सावधान। सावधान।। सावधान!!! हमारे बंजारो का इतिहास हैं ग़द्दारों को हम बक्षा नहि करते! हम सहते बहोत हैं । उसकि एक सीमा होती हैं।
“जय गोर…जय सेवालाल”
…..सुखी चव्हाण,बदलापुर
9930052865
“सौजन्य”
गोर कैलास डी राठोड
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