भाईयों एक सवाल हमेशा मुझे बार बार आता हैं | उसका जवाब देनेके लिऐ मै बहुत सौंचता हुं लेखीन मुझे कुछ समजता नही की मै क्या बताऊं | आप सौंचरहे हैं शायद वोह सवाल क्या हैं | तो सुनिय मेरे भाईयों हम फालतु के मॉसेज फेसबुक या व्हॉटसअपपर पोस्ट करते हैं | शायद किसीने नही सौंचा की हमारे फालतु के मॉसेज पढने या डिलेट करने के लिए कितना वक्त बितता हैं | दोस्तो हम ऐसेही मॉसेज समाज हितमे लिखकर पोस्ट करे तो कितना अच्छा रहेगा.और समाज के मेरे भाईयों को कुछ शिकने और समाज के इतिहास का पता चलेगा,भाईयो वक्त को बर्बाद मत करो यह वक्त दोबाहरा नही मिलेगा| क्यों की हम सब को पत्ता हैं एकबार वक्त बितजाता हैं तो वापस नही मिलता, हमे समाज के लिऐ कुच्छ कर जाना हैं क्यो की समाज को जोडने की और समाज को जोडने के लिए संयोजक श्री रविराज टी.राठोड,संपादक राज बंजारा हिंदी साप्ताहिक,इन्होने समाज के गोर गरीब भाईयों को एक साथ जोडकर बंजारा समाज को अच्छे दिन दिकाने तथा समाज को अच्छा न्याय दिलाने के हित से समाज जोडनेका काम हाथ मे लिया हैं हम सभी भाईयों को श्री रविराजजी भाई को साथ देकर समाज के हित मे काम करना हैं | भाईयो हमारा बंजारा समाज आज कला का नही हमारा इतिहास सदियो पुराना हैं | लेकिन हम भाईयो को कुच्छ नही पता और शायद पता भी नही करना चाहते, ऐसा क्युं ? भाई हमारे समाज मे ऐसे बुद्धीजिवी इंसान हैं जो समाज हित मे आज भी निस्वार्थ रखकर काम करना चाहते हैं | हमे उन्हे साथ देना हैं बस और वक्त के साथ रहकर बंजारा संस्कृती बचाना हैं | मेरे भाईयों बंजारा समाज एकही ऐसा समाज हैं जो दुसरे लोक उसका इस्तेमाल करके हमारी सिढ़ींया बनाकर उपर पहोच जाते हैं और हमे पता होकर भी कुच्छ कर नही पाते.हम भाई भाई मे झगडा करवाते हैं हमारे कंधेपर बंदुक रखकर दुसरो को निशाना बनाते हैं| आगले वाले दुश्मन को हम दिखते हैं और वोह बंदुक की गोली हमे मार ते हैं.मरते है हम और शान से जिते है वोह लोग जो हमे एक साथ जुडने मे मुश्किल पैदा करने वाले.आप समज गये होंगे मै क्या कहना चाहता हुं इतने तो आप मेरे भाई समजदार हैं.और एक बार कहना चाहुंगा वक्त के साथ चलो समाज के बारेमे सौंचो समाज को जोडो और समाज से जुडो…
लिखने मे कुच्छ गलती होगई हो तो कृपया आपका छोटा भाई समज कर माफ कर देना…
आपका शुभ चिंतक…
गोर कैलास डी.राठोड
समाज सेवक गोर बंजारा संघर्ष समिती भारत…