विद्वानों मूर्ख ना बनो – फुलसिंग जाधव, औरंगाबाद

*विद्वानों मूर्ख ना बनो ।*

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 पिछले कुछ दिनोंसे समाज के कुछ लोग विधायक हरिभाऊ राठोड के बारेमें व्देष और वैरभाव का जहर उगल रहे है ।  समाज मे दरार निर्माण करनेकी घिनोनी हरकते कर रहे है । ओबीसी विभाजनकी विधायक हरिभाऊ राठोड की मांग को लेकर जो विद्वानजन उनके बारेमें  निम्न स्तर के शब्द प्रयोग करके whatsapp  और facebook पर आपत्तिजनक पोस्ट डाल रहे है , उनकी अप्रतिष्ठा कर रहे । जो की निंदनीय है । उनके बारेमे समाज मे भ्रम फैला रहे है । जो कि समाज के स्वास्थ्य के लिये ठीक नही है । 

     उन विद्वानोंकी जानकारी हेतु निम्न प्रकारकी जानकारी दि जा रही है वे लोग इसे  गंभीरतासे पढ़े और समझनेका प्रयास करे ।

    १) क्या विधायक हरिभाऊ राठोडने बंजारा समाज को ओ. बी .सी. में डालने की कभी मांग की है ? 

 *जवाब – नही ।* 

  २) क्या विधायक हरिभाऊ राठोड ने सरकार के पास बंजारा समाज को एस. टी. में मत डालो करके कभी मांग की है ?

 *जवाब – नही ।* 

 ३) क्या विधायक हरिभाऊ राठोड ने सरकार के पास ओ. बी. सी . का विभाजन करनेकी मांग करके कोई अपराध किया है ?

  *जवाब – नही ।*

 ४) तो बिनासोचे समझे हरिभाऊ राठोड  पर बौखलाने का कारण क्या है ?

 *जवाब* – *नासमझी*

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   *क्या है नासमझी ?*  

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१) ओ. बी. सी. के विभाजन को ना समझना । 

२) ओ. बी . सी . के विभाजन से समाजका फायदा है या नुकसान इसके तथ्यों को न समझपाना ।
 *बहुत ही साधारण तरीकेसे इसे समझे ।* 
१) आज ओ.बी. सी. में करीब पांच हजार जातीयाँ  है । उसके कारण हमें  ओ. बी .सी. में रहते हुये भी केंद्र के कोटेसे  उचित लाभ नही मिल रहा है । 

   ओबीसी का विभाजन करके कुछ पिछड़ी जातियोंको अलगसे आरक्षण दिया जाता है तो उसका लाभ कुछ अंश में हमे मिल सकता है , जो आज हमे नही मिल पा रहा है ।

 *जैसे* कि महाराष्ट्र में VJ / NT का बंटवारा होनेसे विभिन्न जातियोंको आरक्षण का लाभ मिल रहा है । अगर ऐसा विभाजन नही होता तो हमारे लिये बहुत मुश्किलें होती ।

    बस्स यही फॉर्म्युला ओ .बी. सी. के संदर्भ में  विधायक हरिभाऊ राठोड का है । इसमे गलत क्या है ? आज हमें लगभग कुछ भी नही मिल रहा है वह ओबीसी के विभाजनसे कुछ ना कुछ मिलेगा यह उम्मीद करना क्या गलत है ? ओबीसी के विभाजन से कुछ मिलने की संभावना आज जगी है । यह सत्य विद्वानजन समझ नही पा रहे है । 

२) दूसरी बात कुछ लोगोंके मनमे  शंकाएं है कि , अगर ओबीसी का विभाजन होनेसे हमारे समाज का फायदे के बजाय  नुकसान तो नही होगा ? इसका जवाब है ,  कतई नुकसान नहीं होगा ।  

    *नुकसान कुछ भी होनेवाला नहीं है, हुवा तो फायदा ही होगा ।* 

३) ओबीसी के विभाजन से जिन राज्यमे हम ST /SC/ VJ में है उसपर क्या असर होगा ? *कुछ भी नही होगा* । क्योंकि आज हम ओबीसी में होते हुये भी ST/ SC/ VJ के लाभ ले रहे है ना ? विभिन्न राज्यमें  आज हमे जो लाभ मिल रहे है वे मिलते रहेंगे । उसपर कोई असर होनेवाला नही है ।

४) ओबीसी में होते हुये भी आज हमें केंद्र के लाभ लगभग कुछ भी नही मिल रहे है । जो ओबीसी में पिछड़ी जातियाँ  है उन्हें भी उचित न्याय मिले  इस हेतुसे  विधायक हरिभाऊ राठोड ने ओबीसी के विभाजन करनेकी मांग की थी ।  और वह केंद्र सरकारने मानी है । आनेवाले सात – आठ महिनेमे या एक साल के भीतर हमारे लिये कुछ अच्छे संकेत मिल सकते है । एक उम्मीद तो जगी है । इसके लिये भी सावधानी बरतनी होगी ।

५) रही बात ST की मांग की । वह मांग भी बरकरार है । *ओबीसी के माध्यमसे आज जो हमें मिलना चाहिए वह तो पहले प्राप्त करें ।* ST की मांग हरिभाऊने छोड़ दि है । यह जो उनके बारेमे कुप्रचार किया जा रहा है । वह गलत है । उनका अगला कदम ST के बारे में ही रहनेवाला है । *आज थाली में रहते हुए भी हम उसे खा नही पा रहे है* । इस सच्चाई को जानकर  हरिभाऊ राठोड ने ओबीसी विभाजन की मांग की थी । इसमे उन्होंने गलत क्या किया है ? उनके कदम से  समाज को चिंतीत होनेकी जरूरत क्या है ? 

    आज प्रावधान होते हुए भी हम केंद्र के लाभ से वंचित है । *जो प्राप्त है उसे पहले उचित ढंग से प्राप्त करे । और जो अप्राप्त है उसके लिये अलगसे सभी मिलकर संघर्ष करे ।* इसमे ही समाज की भलाई है । ना कि एकदूसरोंको गालीगलोच करनेमें है , नाही टांग खिचनेमें ।

     आशा है सभी विद्वानजन इस बात को समझ कर विधायक हरिभाऊ राठोड की अप्रतिष्ठा करनेका  का जो रातदिन प्रयास कर रहे है वे बंद करेंगे । केवल हरिभाऊ ही नही अन्य किसीके बारेमें भी बिना सोचेसमझे समाजमे गलत संदेश ना दे । भ्रम ना फैलाये । अगर समाज के   किसी नेतासे  समाजहित के  प्रश्न के बारेमें  कोई जानकारी  मांगता और वह नेता जानकारी नही देता है , तो वह नेता जरूर दोषी है । लेकिन यहाँ रातदिन ओबीसी के विभाजन के संदर्भ में जानकारी देने के लिये हरिभाऊ राठोड तयार होते हुये भी उनसे संपर्क किये बिना ही , उचित जानकारी लिये बिना ही कुछ लोग बिन जरूरी बौखला रहे है ।  लोगोंका समय और डाटा बरबाद कर रहे है । 

    अगर आपको किसी  नेता के काम के बारेमें कुछ शिकायत है तो आप उनसे सीधा संपर्क करके आपके मन की शंकाएं दूर कर सकते है । यही बुद्धिमानी है । ऐसी सोच मे ही  समाज का हित है ।   नाकी समाज मे विष फ़ैलानेमे ।

     समाज को तोड़ने में अपनी शक्ति , समय लगाने के  बजाय जोड़नेमे अपनी शक्तिको लगाये यही सभी विद्वानोंको हाथ जोडकर प्रार्थना है । 

     एक स्वस्थ समाज के लिये स्वस्थ मानसिकताकी बहुत जरूरी होती है । मैंने  विधायक हरिभाऊ राठोड का कोई वकीलपत्र नही लिया है । नाही उनके  कहनेपर यह लिखा है । ओबीसी विभाजन की बात बहुत स्पष्ट होते हुये भी कुछ तथाकथित हमारे विद्वान भाई समाज मे गलत जानकारी फैला रहे थे । इसलिये ओबीसी विभाजन की जो सच्चाई है वह समाज के सामने मैंने रखी है । आशा है ओबीसी के विभाजन को लेकर  समाज मे जो भ्रम है  वह  दूर होगा ।

जय सेवालाल ।

 *फुलसिंग जाधव, औरंगाबाद.* 

( महाराष्ट्र )

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प्रमुख प्रतिनिधि – गजानन धावजी राठोड 

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