संत सेवालाल महाराज संक्षिप्त माहिती

१७ वी शताब्दी माई दक्षिण भारते माई
बंजारा समाजे मा संत श्री सेवाभाया
केन अवतार लिदो तो संत श्री
सेवाभाया र जन्म सोमवार रेर रोहिणी
नक्षेत्रेम गोर कुळीम अवतार लीदो १५
फरवरी १७३९ ई . मा गुलालेडोडी
(पोदाड़ोडी ) तालुका – गुत्ति, जिला –
अनंतपुर , ( आध्रप्रदेश) टांडे मा हुओ !
सेवाभाया ९०० से घरेर टांडो वेतो अन
सेवाभाया र ३७५४ गवा ( गावडी )
वेतिती | सेवाभाया आपने सका अन
भिका र साथ गवा चरतो तो | बंजारा
समाजे र एक महान समाज सुधारक संत
वेतो! जेन बंजारा मानस देवत्व प्रदान
कीदो छ : ! संत सेवाभाया न सेवादास
अन सेवालाल महाराज भी क छ : !
सेवाभाया र जन्म लदनी करते हुए एक
साधारण गोर बंजारा परिवारे माई हुओ
तो ! सेवा रे बापेर नाम भीमा नायक अन
याडीर नाम धर्मनी ! सेवार तीन भाई वेते
जिंदुर नाम हापा , पूरा , अन बददु !
सेवाभाया आजन्म ब्रह्मचारी रोच!
सेवाभाया मरियामा याडी ( जगदम्बा
देवी ) रो परम भक्त वेत्तो !sant sri sevalal
maharaj लोकगाथा ती मालम व् छ: कि
सेवाभाया र जन्म मरियामा याडी र
आशिषे ती हुओ तो ! वलादे सारु तडप री
धर्मनी याडी र विनती सामलन ,
मरियामा याडी आपने जीवर मैलेर र
गोळी बनान दिनी अन कि की एती एक
दिव्य जो बंजारा समाजेन अधर्म र वाटे
ती छोडन धर्मे र वाटे पर ले जाय ! एक दाड
देवी र बोल सासो हुओ अन याडी
धर्मनी र गोदो भरा गो ! बार दाडे र पछ
देवी सेवा र नामकरण संस्कारे मा आई अन
सेवालालेर नाम पाडन झोळी ( पालनो )
हलाई ओर पछ देवी आपने दिव्य रुपे मा
आताणी सेवालाले न आशीष देतानी
माया(गायप) वेगी ! मरियामा याडी
एक दाड गावडी चरावते हुए सेवा न जंगले
माई भली अन सेवा र रुपे न देखन, सेवा न के
लागी कि तू भक्ति कर ल पण, सेवा
याडी ( मरियामा) न वोलक लिदो , इ
याडी ( मरियामा) छ : ! सेवा याडी न
नमन कीदो अन को याडी म हनु कर
सकुनी ! मरियामा र लाख कोशिशे र पछ
भी सेवालाल मानो कोनी ! आखिर उ
का ओन केलाग तू मारी भक्ति कर !
सेवालाल याडी ए वाते न टाळ सको
कोनी अन उ देवी ( मरियामा) र मुडाग
शरत रकाडो —— –
१) आंग चौदह पीडी तुनी मार गोरु माई
भक्ति र परम्परा रकाडणु !
२) भक्ते र हर बोल सासी वेवणु !
३) भक्ते र सवारी घोडे पर रेवणु !
४) संकटे र घडी मा तू साथ देवणु !
५) बंजारा न गऊ ( गावडी ) धनेर कमी न
वेवणु !
६) गावडी माई एक बलिष्ठ सांड रेवणु !
देवी सेवाललेर से वाते मान लिदी अन
सेवालालेर टांडे न हरो -भरो कर दिनी !
सेवा देवी र भक्ति स्वीकार कर लिदो
पणन देवी न कन्नाई बलि कोनी चढायो !
सेवा न लोग शंकर भगवाने र अवतार माने
लाग ! सेवालाल कई वर्षे ती भूली – भटकी
जाते न अपनो संदेश दिनों अन आच्छी
वाटे पर चाले सारु को ! सेवालालेर संदेशे न
लड़ी अन बोल भी क छ: ! सेवालालेर लड़ी
अन बोल करिय रे चोरी, खाय कोरी |
घरे मुढंग एक ज मोरी | हाथे माई आय हात
कडी | पगेर माई बेडीराम , डोरी- डोरी
हिंडीय र , बगेला कोटि मरियामा || १
||
गोर- गरीबेन दांडन खाय | साथ पीढ़ी
नरके माई जाय | ओर वंशे र कोई कोनी
रीय राम | पायरी र भाटा बनिय र |
बगेला कोटि मरियामा || २ || संत
सेवाभाया आपने जीवने मा बंजारा न
केतो तो कि सदा सासी ( सत्य) बोलणु
| हर वाते न सोच समझन कवणु | गोर-
गरिबुर दख- दाळ दूर करणु | घर – बार
आच्छो राखाडणु | जानेन ठीक रखाडणु |
दुसरे न सातवणु | पापे ती छेटी रेवणु |
नशाबाजी नरणु छोडो | चोरी मत करो
| सदा प्रभु ( सेवालाल ) न हरदेमा रखाडो
| अन सेवालालेर री भविष्यवाणी भी
कीदो तो कि इ सत्य युग छ येरे बाद
कलयुग आय | देशे माई चारी वडी काळ
पडीय| एक रापिया र तेरह चना वाकीय
| रापिया मोल पाणी वकजाय | हाथे
माई रापिया लेन गल्ली – गल्ली फरिये
पण अन्न कोणी मलीय | मायेन- बेटा
भारी वीय | बाप – बेटारो पट कोणी |
सासु – बोड़ीरो जम कोणी | भाई – भाई
रो जमेनी | सोनर शिंग गवा (गावडी )
वक जाय | गावडी बळदे पर घनो संकट आय
जेर कारण उदुर हडका र डेर लाग जाय अन
मार गोरबंजारा दूर – दूर ताणु फेल ( पसर )
जाय | अगर मार वचन खोटे वे जाय तो
चादा – सूर्या नरकेम डूब जाय | असे अनेक
काम सेवाभाया ये गोरबंजारा समाजे
सारु किदोच अन देशेर अनेक राज्ये माई
लदनी लादोच | एक दन याडी मरियामा
वोन वाया सारु घन सताये लाग | जना
सेवाभाया देवी को कि याडी धरती
लोकुम से मन भाया, बापू अन भाई कच म
केती वाया करू | जना याडी
मरियामा सेवाभाया न बोली कि
तारे सारु राम घरेरी परी लाउचु | जना
सेवाभाया को कि या वो मार पहली
भेने छ : वोर पछ देवी सेवाभायण कि की
भाया येर सारु आपनेन स्वर्गेन नसाब करें
जाणु लागच केन देवी सेवालालेन फसा
नाकी | उपरेर से वाते टांडेर डाव- साने
ती प्रभु राठोड (जय सेवालाल ) मालम
किदोच | महाराष्ट्र राज्ये र वाशिम
जिला र मानोरा तालुका र
पोहरादेवी टांडेम सेवाभाया अन
मरियामा याडी र देवळ बंदेच | संत श्री
सेवाभाया र समाधी २ जनवरी १७७३ ई .
मा रुईगड तालुका – दिग्रस , जिला –
यवतमाळ मा लिदो | पण सेवाभायार
वचनेम कोतो कि मार कती स्वर्गेवास व
तोभी मार समाधी इ पोहरादेवी माई
करणु | जेर कारण पोहरागड म राम नवमी
आज भी सेवाभायार जात्रा भरवाच |
अन श्री संत सेवाभाया अन याडी
जगदम्बादेवी ( मरियामा ) दर्शन लेन
.महान तपस्वी श्री संत रामराव
महाराजेर भी दर्शन लेन आपने जीवनेन धन्य
कररेच . मर गोच केन भूलो मत, याडी
जगदम्बादेवी धाते रहो .सात पीढ़ीम
अवतार दीईऊ , अन चौदह पीढ़ीम अवतार
लिईऊ | अन फरन गुत्तिबेलारी जन्म लिईऊ .
सौजन्य: – गोर अंकुश आडे

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