दोस्तो क्या
हम हमारे गोर समाज का इतिहास जानते है?
अगर जानते हैं। तो मुझें वो कोई “बात” नजर नही आती है। की हमारे समाज के धर्मगुरु संत सेवालाल महाराज ने कही है।
ऐसा क्यों? हमारे समाज के मार्गदर्शक संत सेवालाल बापू ने कहाँ था कि ” केनी भजे पुजे माई वेळ व्यर्थ मत घालो” तो भी हम क्यों ऐसा कर रहे हैं। इसका जवाब है किसी के पास। उन्होंने हमें अंधश्रद्धा से बाहर निकालने का प्रयास किया।और हम क्या कर रहे हैं?
दोस्तों मै कोई साधु संत या बहुत बढा विद्वान तो नहीं हु। पर मुझे जो समज में आया वह मैं लिख रहा हूँ। और यह सब मै सेवालाल महाराज के शब्दों का अभ्यास करने के बाद लिख रहा हूँ। हमें आज भी सेवालाल महाराज की हर बातों को ध्यान में रखते हुए। पहले खुद में बदलाव लाकर समाज के लिए कार्य करना चाहिए। तब हमारे समाज का कुछ भला हो सकता है।
और जिस दिन समाज का हर एक व्यक्ति सेवालाल वाणी के साथ चलेगा। उसी दिन से हमारे समाज में एक नई किरण जाग उठेगी। दोस्तों मुझे किसी का दिल नही दुखाना है।सिर्फ आपको सही और सत्य बताना चाहता हूं।दोस्तों हमारे धर्मगुरु संत सेवालाल महाराज की हर बात सच साबित हुई है, और हो रही है, और आगे भी होगी यह भी एक सत्य है। और हमे सेवालाल वाणी का अभ्यास करना बहूत जरूरी है। कोई मुझे कुछ भी कहे मुझे परवाह नहीं है। क्यों कि मेरे साथ संत सेवालाल वाणी है। और उन्होंने जैसे हर बातें कही हैं। उन सभी बातों के सहारे मै चलुगां।
और गोर बंजारा संघर्ष समिती (भारत) इस समिति में मेरे से जितना हो सके उतना निस्वार्थ भाव से कार्यरत रहुगां। दोस्तों
मुझे पता है की मै अगर आपके बारें में अच्छा सोचुगां तो आप भी मेरे बारें में अच्छा ही सोचोगे। यही सत्य है। अगर आप सही रास्ते पर हो तो आपको सही इन्सान ही मिलेगें और अगर आप गलत रास्ते पर चल रहें हो तो आपको गलत ही इन्सान मिलेगें। यह मै नही कह रहा हूँ यह कई युगों से चला आ रहा है।
धन्यवाद दोस्तों…
अगर लिखने में कुछ गलती हो गई हो तो क्षमा चाहुंगा।
आपका हितचिंतक
गोर गजानन डी राठोड
स्वंयसेवक
गोर बंजारा संघर्ष समिती (भारत)
9619401377