जय शिव सेवालाल सुप्रभात दोस्तों और भाईयों
मेरे सभी भाईयों ने स्कूलों में पहलें हि पन्ने पर पढा होगा।
की “भारत मेरा देश है
सारे भारतीय मेरे भाई बहन हैं”
लिखने वाले ने बहूत ही अच्छी सोच के साथ लिखा होगा।मै पहले उनको दिल से प्रणाम🙏 करता हूँ।
उन्होंने भारत हमारा देश की जगह भारत मेरा देश लिखा क्यो? क्योंकि “हमारा” शब्द क्यों नहीं लिखा।
इसी तरह से हम भी हमारे गोर बंजारा समाज के बारे हमारा कहने की जगह मेरा गोर बंजारा समाज कहें। तो और ही बेहतर होगा।
क्यों कि भाईयों जब तक हम समाज मेरा है। और मै इस समाज का हुँ ऐसा नहीं समजते तब तक क्या हो सकता है। दोस्तों मै यह क्यों लिख रहा हूँ। यह बात मेरे भाईयों की समज में आइ होगी।
भाईयों मैं एक आपने ही गोर भाई के पास गया और उनको मैंने कहाँ की भाई हमें हमारे समाज के लिए में कुछ करना है।तो दोस्तों उनका जवाब आया कि ठिक है भाई तुम करो मेरी जरूरत पढ़ने पर मुझे बोल देना।
यह क्या बात हुई? भाईयों हम आज भी उसी राह पर चल रहे हैं। जीस राह पर भारत देश इ.स.1700, 1800 सौ मैं चला था। जब ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की गई थी। और क्या हुआ? हमारे ही देश में आकर हमारे ही उपर राज करने लगे।
दोस्तों गोर बंजारा का इतिहास सदियों पुराना है यह तो हम सभी जानते हैं।और भारत देश को स्वतंत्र करने में हमारे समाज के भी कई क्रांतीकारी सहीद हुए हैं। तो भी आज तक हमारे समाज को इस देश में कोई अच्छा स्थान नही मिल पाया है। क्यों? इन सब बातों के जिम्मेदार हम ही हैं। जब तक मेरे समाज का हर गोर भाई को समाज मेरा है। ऐसा नही लगता तब तक यह मुमकिन नहीं है।इसलिए मुझे कहना है। कि “जुडो समाज से और जोडों समाज को” हमें निस्वार्थ भावना से राजनीति मुक्त होकर समाज के लिए लढना है।आज अगर हम समाज के बारे में सोचेंगे तो कुछ भी हो सकता है। लेकिन यही हम नही सोचेंगे तो यही सब बातें हमारे आनेवाली युवापीढ़ीयों केलिए एक दिन रोना बन सकती है दोस्तों।
जय सेवालाल जय गोर जय बंजारा
इस लेख से किसी का भी दिल को चोट पहूँची हो तो मै दिल से क्षमा चाहता हूँ।
धन्यवाद🌹🙏
समाज हितचिंतक
गोर गजानन डी राठोड
स्वंयसेवक
गो.ब.सं.स.भारत
9619401377/9920456329