सौभाग्य की बात है…
मै बंजारा कहलाता हूँ..!!
चलता हूँ-चलवाता हूँ…..
जिने की राह दिखाता हूँ …!!धृ!!
सदियोंसे यह रीत चली है….
गीत जिवन के गाता हूँ……!!
पगडन्डी हो या हो सड़के….
हरदम आगे बढ़ता हूँ…!!१!!
कोयल-सा मै गाता हूँ……
झरणों-सा मैं बहता हूँ…!!
चट्टाणो को चिरकर आगे …
दरीया से मिलवाता हूँ..!!२!!
धप खिली हो घना अंधेरा….
मस्ती भरा इठलाताहूँ……!!
तुफानो में वन-बागो में…….
हरदम मै हरसाता हूँ….!!३!!
भँवरे जैसा गुँजन मेरा……
कली-कली खिलवाता हूँ…!!
फागुन के रंगो की बौछार…..
तितलीसा इतराता हूँ…!!४!!
बादल दमके-बिजली चमके..
मस्त कंलदर चलता हूँ…..!!
आण-बाण और शानसे अपना!!
सफेद झन्डा लहराता हूँ..!!५!!
ऐसा यह बंजारा न्यारा…
मुलनिवासी प्यारा है…!!
पोहरा-ऊमरी काशी…..
संत सेवालाल हमारा है!!६!!
कवि: सुरेश राठोड़, काटोल. फोन. ७३५०७३९५६५
प्रमुख प्रतिनिधी: रविराज एस, पवार. ऑनलाइन बंजारा न्यूज पोर्टल
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