उड़द की दाल

उड़द का उपयोग दाल के रूप में प्रायः समस्त भारतवर्ष में किया जाता है । इसकी दाल व बाजरे की रोटी मेहनती लोगों का प्रिय भोजन है| उड़द काली व हरी कई प्रकार की होती है | सब प्रकार की उड़दों में काली उड़द उत्तम मानी गयी है। वैद्यक ग्रंथो में अनेक पौष्टिक प्रयोगों में…

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मसूड़ों की सूजन (GINGIVITIS) –

मसूड़ों पर चोट लगने या अधिक गर्म पदार्थ व सख्त चीज़ें खाने से मसूड़ों पर दबाव पड़ता है,जिससे मसूड़ों में सूजन उत्पन्न हो जाती है | सूजन होने से मसूड़े ढीले पड़ जातें हैं जिससे दांतों का नुकसान होता है | इसका इलाज न होने पर दांत हिलकर गिरने लगते हैं | आज हम आपको…

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नकसीर (Epistaxis)

नाक में से खून बहने के रोग को नकसीर कहते हैं| नकसीर के रोग में अचानक पहले सिर में दर्द होता है और चक्कर आने लगते हैं,इसके बाद नाक से खून आने लगता है | यह रोग सर्दी की अपेक्षा गर्मी में अधिक होता है | नकसीर रोग ज़्यादा समय तक धूप में रहने से…

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मसूर की दाल

मसूर का प्रयोग दाल के रूप में प्रायः समस्त भारतवर्ष में किया जाता है | इससे सभी अच्छी तरह परिचित हैं | समस्त भारत में मुख्यतः शीत जलवायु वाले क्षेत्रों में, तक उष्णकटिबंधीय एवं शीतोष्णकटिबन्धीय १८०० मीटर ऊंचाई तक इसकी खेती की जाती है | यह १५-७५ सेमी ऊँचा,सीधा,मृदु-रोमिल,शाकीय पौधा होता है | इसके पुष्प…

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चावल

यह मूलतः भारत एवं चीन में पाया जाता है | इसकी विश्व के सभी उष्ण कटिबंधीय एवं उप उष्णकटिबंधीय देशों में कृषि होती है | चावल के शीतल एवं शक्तिवर्धक होने की वजह से इसका प्रयोग प्राचीन काल से भोज्य के रूप में किया जा रहा है । आयुर्वेद की संहिताओं में चावल के कई…

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पसीना

पसीना आना शरीर की स्वाभाविक क्रिया है | यह शरीर को उसके सामान्य तापमान को बनाये रखने में मदद करता है | हमारे शरीर का सामान्य तापमान ३७ डिग्री सेन्टीग्रेड होता है और सारे कार्यों को संपादित करने हेतु शरीर को यह तापमान बना कर रखने की आवश्यकता होती है | किसी भी कारण से…

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दूब घास (दुर्वा) ————–

दूब या ‘दुर्वा’ (वैज्ञानिक नाम- ‘साइनोडान डेक्टीलान”) वर्ष भर पाई जाने वाली घास है, जो ज़मीन पर पसरते हुए या फैलते हुए बढती है। हिन्दू धर्म में इस घास को बहुत ही महत्त्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। हिन्दू संस्कारों एवं कर्मकाण्डों में इसका उपयोग बहुत किया जाता है। इसके नए पौधे बीजों तथा भूमीगत तनों से…

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गले की खराश टॉन्सिल या गले का गंभीर संक्रमण भी हो सकता है

क्या आपके गले में हमेशा खराश बनी रहती है? इसे हल्के में न लें। मौसम का बदलाव या सर्द-गर्म की वजह से इसे एक आम परेशानी न समझें। गले की खराश टॉन्सिल या गले का गंभीर संक्रमण भी हो सकता है। कैसे निबटें इस परेशानी से:- मौसम बदलते ही गले में खराश होना आम बात…

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पीपल

– यह 24 घंटे ऑक्सीजन देता है | – इसके पत्तों से जो दूध निकलता है उसे आँख में लगाने से आँख का दर्द ठीक हो जाता है| – पीपल की ताज़ी डंडी दातून के लिए बहुत अच्छी है | – पीपल के ताज़े पत्तों का रस नाक में टपकाने से नकसीर में आराम मिलता…

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फोड़े – फुन्सियाँ

गर्मी और बरसात के मौसम में फोड़े-फुन्सियाँ निकलना एक आम समस्या है | शरीर के रोम कूपों में ‘एसको’ नामक जीवाणु इकठ्ठे हो जाते हैं जो संक्रमण पैदा कर देते हैं जिसके कारण शरीर में जगह-जगह फोड़े-फुन्सियां निकल आती हैं | इसके अलावा खून में खराबी पैदा होने की वजह से,आम के अधिक सेवन से,मच्छरों…

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