सब ठाठ पड़ा रह जावेगा, जब लाद चलेगा बंजारा।
सब ठाठ पड़ा रह जावेगा, जब लाद चलेगा बंजारा। गर तू है लक्खी बंजारा और खेप भी तेरी भारी है, एक गाफिल, तुझसे भी चतुरा, इक और बड़ा व्योपारी है, क्या शक्कर-मिस्री, कन्द, गरी, क्या सांभर मीठी खारी है, क्या दाख मुनक्के सोंठ, मिर्च, क्या केसर, लोंग, सुपारी है, सब ठाठ पड़ा, रह जावेगा, जब…