“यह कविता उन्ह बचों को समर्पित” जो पाकिस्तान मे हुई घटना मे शहिद हुयें हैं |
“मॉ मै आज स्कुल नही जाता,शायद तुम्हे फिर से देख पाता..!!
तेरी आवाज सुनने को कान तरसते हैं, देखो ना मॉ बारूदो के गोले बरसरहे हैं..!!
सारे बच्चे अपनी अपनी मॉ को पुकार रहे हैं,मॉ येह लोग हमे क्यों मार रहे हैं !!!
टीफीन मे दि तुमारी रोटी भी नही खाई हैं,मॉ आज गोलीने मेरी भुख मिटाई हैं..!!!
पापा से कहना अब मुझे स्कुल लेने ना आये,देख नही पाउंगा मेरा जनाजा ऊठायें..!!!
मेरे जाने से अपना होसला मत खोना,मॉ मुझसे बिछडकर तुम मत रोना..!!!
मेरे खिलोने,मेरी किताबे,मेरा बस्ता,जानता हुं तेरी आखें देखती रहेगी रोज मेरा रास्ता…!!!
भैया से कहना उसका साथी रूठगया हैं,बच्चपन का हमारा साथ छुटगया हैं..!!!
तेरी यादों मे,ख्वाबों मे जिकर मे,रह जाऊंगा..!!!
मॉ मै अब कभी वापस नही आऊंगा….
मॉ मै अब कभी वापस नही आऊंगा…!!!
जय सेवालाल… 👏👏
लेखक :- गोर कैलास डी.राठोड
स्वयंसेवक गोर बंजारा संघर्ष समिती भारत,तथा संस्थापक/अध्यक्ष,
जय सेवालाल बंजारा सेवा संस्था ठाणे महा.राज्य..
मो.९८१९९७३४७७