साथीयो , पिछले 13 तारीख को मुंबई मे ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ की विशेष सभा अध्यक्ष के चुनाव को लेकर संपन्न हुई. ईस बैठक मे AIBSS के कार्यकारीनी के सदस्य, सभी राज्य ईकाइयोंके अध्यक्ष और कुछ विशेष निमंत्रित को बुलाया गया था, मै विशेष निमंत्रित के हैसियत से ईस बैठक मे शामील हुआ था.ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ के प्रति मुझे विशेष लगाव रहा है, क्यों की इस संघटन को हमारे महान नेता महानायक वसंतरावजी नाईक साहब ने बनाया है , और इस संघटनसे वे आखीरतक जुडे रहे , और महानायक के नाम पर कोई समझौता नही हो सकता ईसलिए ईस संघटन का कोई सकारात्मक काय॔ न होते हुएभी हम ईस संघटन से जुडे है. 63 साल की उम्रवाले इस संघटन मे अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जो नजारा देखनेको मीला वह भारी पीडाजनक था.अध्यक्ष पदके लिए शुरूमे तीन चार नेताजन ईच्छूक थे आखिर मे दो नेता रेस मे रहे, अध्यक्ष सर्व सहमतीसे हो ईसलिए बहोत कोशिश के बावजुद बात नही बनी. ईस कश्मकश मे दो प्रमुख नेताओका विचारमंच पर ही तू तू मैं मैं हो गया, समुचे देशभर से आप हुए प्रतिनिधीओके समक्ष यह नजारा पेश करनेमे हमारे इन नेताओको कोई झीजक नही आइ.पुरे शोर शराबेके बीच बैठक चली रही.ईतने बडे संघटन मे अनुशासन नामकी कोई चीज नही थी.श्री बी.के नाईक साहब जैसे संयम मूर्ती यह सब देखकर बडे दुःखी नजर आ रहे थे, उन्हाने बार बार सभी को शांत होनेका अनुरोध किया लेकिन. …….! ईस बिछ यथास्थिती कायम रखते हुए अगले छ महिनोके भीतर चुनाव कराया जाएगा ऐसा घोषित किया गया और कार्यक्रम संपन्न हुआ. साथीयो, यह संघटन हमारे महानायक बडे विश्वास के साथ हमे सौपकर गए है, तो यह हम सभकी जिम्मेदारी बनती है की इस संघटन को हम सशक्त और बडा देशव्यापी बनाए.और यह तभी संभव है जब संघटन का नेतृत्व और पुरी टीम काबील हो.और संघटन का नेतृत्व किसी राजनेता के हाथोमे नही,बल्की पुरासमय समाजकार्य करनेवाले व्यक्ती के हाथोमे होना चाहीए.आज देशमे जीतनी भी विचार धाराए सक्रिय है वे सभी पहले अपने सदस्यो को सामाजिक कार्यके निश्चित विचारधारा मे कार्य करवाते है, उसके उपरांत उन्हे राजनीती मे भेजते है, जैसे की R.S.S का स्वयंसेवक , आगे विभाग प्रमुख फिर प्रांत प्रमुख फिर प्रचारक और राष्ट्रीय प्रचारक बनके देशभर मे काम करता है, वैचारिकता पक्की होनेपर उसे राजनीती मे उतारा जाता है, यही सिलसिला कम्युनिस्टोसमेत सभी विचार धारा मे होता है.सामाजिक विचारधारा का बाय प्रॉडक्ट करके उसे राजनीती मे भेजा जाता है, पर हमारे संघटन का मुखिया राजनीती से संघटन मे आता है,और संघटन को समाज के विचारधारा के हितमे नंही, बल्की अपनी पार्टी के हितमे चलाते है.ईसे अब बदलना होगा.अब ऐसा नही चलेगा ! रणजित नाईक साहब कोई राजनितीक पार्टी से ताल्लुख नही रखते थे, ईसलिए उन्हाने संघटन मे जान लाई थी.ईसे हमे समझना होगा.और संघटन मे अधिक से अधिक सक्रिय और चरित्रसंपन्न युवाओको प्रमुख पदोपर शामील करना होगा, हमारे जो नेतागन ढलती उम्र के हो चुके है उन्हे सन्मान के साथ रिटायर करना होगा.और देशभर के बंजारोका एक ही संघटन हो AIBSS, जिसे हमारे महानायक वसंतरावजी नाईक साहब ने बनाया है ,कृपया ईस पर आप जरूर गंभीरता से समाज हित मे सोचिए ! ईस बिनंती के साथ…….
अमर राठोड .
अध्यक्ष,वसंतरावजी नाईक अधिकारी कम॔चारी संघटन महाराष्ट्र राज्य , एवंम संपादक, साप्ताहिक विमुक्त नायक.
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