गोर धर्म क्या , कैसे और क्यों
*जय गोर* *जय सेवालाल* ???????????????????????????????????????????? *धर्म और गोरधर्म……एक चिंतन* धर्म की परिभाषा धर्म धारण से बना हैं,अर्थात जिसे धारण किया जा सके उसे धर्म कहते हैं। इसी धारन की चीजो को गुण कहते हैं।और यह उल्लेखनीय है कि…