आलग आलग चुलो मांडनसोतार बाटी सेकेवाळ भाई…! कविता
” “भाई” ” केरवाट देकरोची चलेजावा दोई कुण माकी मारच आपन छारे भाई भाई भाई दूरवेगे याडी ढावलेम रोई वोनज मालम छ हमार एक छरे लोई काई खिचरोची भडा वोत छ काई को गोई आतरा सोपा छेनि डलडा वुनडो छरे माई नाली वेयेसारु का कररोची घाई सांजेसताली थामजो तु मत वरे जोई चिन्ता मत कर…