कर्तव्य और मजबुरी
दोस्तों और भाईयों जय सेवालाल गोर बंजारा समाज आज भी एकजुट हो सकता है।अगर हम सभी ने सच्चे दिल से बिना किसी स्वार्थ से निस्वार्थ भावना से एक करेंगे तो।और आपने जिवन का एक फर्ज समज के करेंगे तो। क्यों कि भाईयों आज भी हम यही सोचकर जिवन बिता रहे हैं। की कोई फरिश्ता आयेगा।और…