![“गोर बंजारा विश्वकल्याणकारी”](https://i0.wp.com/banjaraone.com/wp-content/uploads/2017/04/fb_img_1474612191023.jpg?resize=552%2C400&ssl=1)
“गोर बंजारा विश्वकल्याणकारी”
“जय गोर…जय सेवालाल…जय वसंत” गोर बंजारा — विश्वकल्याणकारी” जसो वैदिक लोकसाहित्येम विश्वेर मंगल करेर कामना करमेलेच। सर्वे भवन्तु सखिन: सर्वे सन्तु निरामया: । सर्वे भद्राणि पश्यन्तु मा कश्चिददुःखभागभवेत ।। (पृष्ठ : 1.4.14-बृहदाअरण्यका उपनिषद) 〰〰〰〰〰〰〰 वोर अनुरुप बंजारा लोकगीदेमभी अभिव्यक्त भक्ति साहित्य लोकमंगल अन विश्व मंगलेर कामना करेवाळो गोर यी लोक…