Raviraj S. Pawar

डल्लीरो राजकारण गल्लीम आयो.. सगे भायी बिछडायो मुंडो वरं परं फरायो – जिजा राठोड

दि 16/9/18 एक मळावेमायी दि गोर भायी काँग्रेस / भाजपेर नामेपर तु ..तु म ..म कररेते .वो पार्टी वाळेतो *आचेमाल खारे कमारे ,आपणेन रबारे अन वो चाबरे* केयेरो मतलब आपण वोनुर जुग आपसेम लढन वोनुन सत्तापर बेठाडरे .वो सत्ता भोगरे अन आपण लढन जेल भोगरे राजकारणी कुणसेभी पक्षेर रेवं वोनुर कदीज मतभेदभी रेयेन अन मन…

Read More

!!गणपती बाप्पा मोरीया!! (इ कविता सत्य घटनाप आधारित छ.) कवी: सुरेश राठोड

गणपती बाप्पा मोरीया! पिलेन नाचरोतो पोरीया !!१!! बापेर हातेम रं झोरीया! ओमायी रं मुंडीनं खरीया!!२! डी. जे. बम बम वाजरोतो! गाम तांडो दन दन गाजरोतो!!३!! बाप-बेटा पिलेन नाचरते! जोरजोरेन एकमेकेन खेचरेते!!४!! कतरी-कतरा झोरीयाप टपरेते! गरदीम इम-उम जपरेते!!५!! अचानक झोरीया हेटं पडगो! जे न घडेन चाय उज घडगो!!६!! बांडी कतरी झोरीया वटान धासगी! वकोल्डीप जान झोरीयाप…

Read More

गोरमाटीभाषा सौंदर्य, भीमणीपुत्र मोहन गणुजी नायक

*वाते मुंगा मोलारी* My Swan song ✍ *गोरमाटीभाषा सौंदर्य..!* गोरमाटी भाषा व्यवहारेरे संकेते लारं गोरमाटी संस्कृतीरो एक महत्वेरो ऐतिहासिक संदर्भ आढळ आवचं.गोरमाटीभाषा ई गोर वाड;मयीन संस्कृतीरो आरसा छ.गोरमाटी भाषाज जर आपणेनं न वाचतू आवती विये तो ये गोरमाटी भाषारे आरसामं आपणेन आपणेज पेनेबाज संस्कृतीरो मुंडो देखतू आयेवाळो छेनी.गोरमाटी भाषा व्यवहारेमज गोरगणेरो पेनेबाज ऐतिहासिक संदर्भ छ.गोर…

Read More

गणगोर ई गोरगणेरो खरो गणनायक गणपती – भीमणीपुत्र, मोहन गणुजी नायक

*वाते मुंगा मोलारी* My Swan song “तांडो”ई एक आदिम गणराज्य छ.लोकशाही पद्धतीती चालेवाळो समांतर शासन व्यवस्थारो प्रतिक कतो तांडो..! गोर गणराज्य संकल्पनारो पेलो प्रणेता वा नायक ई *गणगोर* छ.कांयी अभ्यासकेर मतेनुसार *गणपती* ई जसो पेना शाक्य गणेरो आद्यपती- गण नायक केरातोतो,ओसोज *गणगोर* ई गोर संस्कृतीमं गोरमाटी गोरगणेरो आद्य नायक ये नामेती रुढ वेमोलो छ. उगवती…

Read More

व्यावहारिक गोरमाटी भाषा – एक अभ्यास..! – भीमणीपुत्र मोहन गणुजी नायक

वाते मुंगा मोलारी My Swan song व्यावहारिक गोरमाटी भाषा ईज खर गोरगणेर सौंदर्य संपन्न आदिम भाषा छ.जेष्ठ अभ्यासक अशोक राणार संदर्भेर नंजरेती दिटे तो व्यावहारिक गोरमाटी भाषा कतोज वाणीचा व्यापार हानू सिद्ध वचं.”वाड;मय म्हणजे वाणीचा व्यापार. लेखनकला अवगत नव्हती म्हणून केवळ वाणीचा वापर ज्या काळात होत असे त्या काळातील साहित्याला वाड;मय असे म्हणतात.वाणीचा कलात्मक वापर…

Read More

संघटना वेगी बादभरी – भास्कर राठोड़ (भासू)

✊✊✊✊✊✊✊✊✊ *संघटना* ✊✊✊✊✊✊✊✊✊ *(बादभरी)* संघटना वेगी बकळ, जसो कूंढो, सोटार, वूखळ..! बानो छूटो, वाणी भूलागी, पडो कडापो, धाटी छूटगी..!!१!! *गोरूर परमाण छ पेना* *छ बादभरी संघटना…!* भगत बणगे, बणगे भोपा, जाग-जाग लगारे काळो..! पेट भरेरो साधन मळगो, भोळे गोरून कोनी कळो..!!२!! *गोरूनं मानपान मळीय कना* *छ बादभरी संघटना…!* नाम याडीरो बापेर पतो छेयी, देकादेक सीके…

Read More

गोरमाटी भाषा व्यवहारे माईर रुढ शब्देर लारेर संस्कृती – एक अभ्यास – भिमनीपुत्रा मोहन नायक

*वाते मुंगा मोलारी* My Swan song *गोरमाटी भाषा व्यवहारे माईर रुढ शब्देर लारेर संस्कृती – एक अभ्यास*..! गोर ‘बोली’ छेनी तो ऊ एक सौंदर्य संपन्न ‘भाषा’ छ.बोली अन भाषा इ प्रस्थापित व्यवस्थार दकान ठोकरे सवायी गोरमाटी भाषानं आचे दन आयेवाळ छेनी.” बोलणार्याची भाषा ऐकणार्याला कळते त्याला भाषा असे म्हणता येईल” हानू भाषातज्ञेर विवेचन छ.बोली अन…

Read More

गोरबोली भाषारो एक उत्कृष्ट वाड;मयीन भावाविष्कार – झोळीगीद! – भिमनिपुत्रा

वाते मुंगा मोलारी My Swan song गोरबोली भाषारो एक उत्कृष्ट वाड;मयीन भावाविष्कार – झोळीगीद! गोरबोली भाषा परंपरागत मौखिक साहित्येनं “फोकलोर” कतो लोकसाहित्येरे पंगतेमं बसारणू इ गोर लोकगणेर खानदानी प्रतिभानं बट्टो लगाये सरिको ठरीये.खरो तो,गोरबोली भाषारे परंपरागत मौखिक साहित्येनं *वाड;मय* ईज नाम ओरे प्रकृतीनं खले सरिको छ अन इ न्याव संगत भी छ.वाड;मय ये शब्देरे संदर्भेमं…

Read More

लेप > लेपो > लिपी – इ गोरबोली भाषा शब्द व्युत्पत्तीरो पेनो

*वाते मुंगा मोलारी* My Swan song *लेप > लेपो > लिपी – इ गोरबोली भाषा शब्द व्युत्पत्तीरो पेनो*..! लेपो > लिपी – इ गोरबोली भाषा शब्द व्युत्पत्तीरो पेनो”> *लिपणे* ये शब्दे परती *लिप* इ शब्द रुढ हुवो छ,हानू जर अभ्यासक मानते विये तो *लिपी* ये शब्देरो पेनो थेट गोर याडीरे घागरेर *लेपोनं* जान भिडचं. *लिपी*…

Read More

‘१४ वो नसाब विषयरो निष्कर्ष’ ऑल इंडिया बंजारा सेवा संघ तोडेवाळेऊन माफी छेनी

हरएक याडी बाप आपणे छोरान मोटो करेसारु जीवेरो रान करछ, छेनी जकोण वेला सोसन वंशेरो दिवो समजन ओन काबिल बणावछ. ओन काम धंदेन, नोकरीन लगावछ. वाया करावछ. याडी बापेर आशा ई रछ की छोरा बुढा पणेम दि कोळ सकेर खरावणु. ऊ छोरा मोटो वेताणी दुनियारे रंगेमा रंगावतो जावछ. हळीया हळीया याडी बापेन भुलतो जावछ. याडी…

Read More