आत्मा वह है जो आदमी के जिंदा रहने तक उसके शरीर मेंरहती है ।
आत्मा वह है जो आदमी के जिंदा रहने तक उसके शरीर में रहती है । मरने पर वह शरीर से निकल जाती है। वह अशांति रहती है । तभी तो उसकी शान्ति के लिए दुवाएँ की जाती हैं ! हे हमारे गोर बंजारा भाई, तुम बंजारा ही बने रहो । बंजारा बने रहोगे तो…