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इंटरनेशनल रोमानी दिन Roma Banjara Day क्यों मनाना जरुरी है ?

​ लेखक : ✍ पंडित अ.राठोड भाईयों, यह दिन हर साल 8 अप्रैल को मनाया जाता  है। यह पहली बार 1990 में घोषित हुआ था। हमारे देशमे इसके तहत कम जागृती है।यह हमारे लिए रोमानी बंजारा संस्कृति का जश्न मनाने और रोमा लोगों के सामने आने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने का अवसर…

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विश्व बंजारा दिवस की सभी को शुभकामनाएं !!!!

आज बंजारों की ये विडम्बना है कि जिन्होंने देश को पहचान दिलाई वे ही आज पहचान के संकट से झूझ रहे है। जिन्होंने दुनियाँ को व्यापार या  सिखाया उन्हें आज आजीविका के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है और तथाकथित चरमपंथी संगठनों के अत्याचारों का शिकार होने को विवश है ये इनके परंपरागत व्यवसाय…

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दुनियाभरके रोमा,रोमानी/जिप्सी/रोमा बंजारा यह भारतीय गोर गण समूह के लोग हमारे गोर बंजारा है!:- भाग 2.

दुनियाभरके रोमा,रोमानी / जिप्सि/रोमा बंजारा ये भारतीय गोर गण समूह के लोग हमारे गोर  बंजारा है। भाग-2   भाईयों, दुनिया की रोमा जनसंख्या क्या है? वे कहाँ रहते हैं? सटीक संख्या अज्ञात है, आंशिक रूप से कई रोमों की आशंका के कारण आधिकारिक राष्ट्रीय संवेदकों में उत्पीड़न या उत्पीड़न को आकर्षित करने के डर से…

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“गोरमाटीरो सांस्कृतिक इतिहास”बोली भाषा शब्द अन् मौखिक साहित्य!

” वाते मुंगा मोलारी” “गोरमाटीरो सांस्कृतिक  इतिहास” ” बोली भाषा शब्द अन मौखिक साहित्येरे आधारेपर समाजेरो इतिहास,लोक जीवन धुंडन काढेर दृष्टी रेणू इ गरजेर छ. इज इतिहास सत्य रे सकचं. विकृत मेंदू इ विकृत इतिहास रच सकचं अन ये विकृत इतिहासेर विकरेवाकरे पान समाजेन बी विकरेर काम कर सकचं. सिंधू संस्कृतीर उत्खनन करतूवणा पूरातत्वीय खातेर…

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“दुनियाभरके रोमा,रोमानी/जिप्सी/रोमा बंजारा यह भारतीय गोर गण समूह के लोग हमारे गोर बंजारा है!:- भाग क्र.3..

​।। जय सेवालाल।। दुनियाभरके रोमा,रोमानी / जिप्सि/रोमा बंजारा ये भारतीय गोरगण समूह के लोग हमारे गोर  बंजारा है भाग-3〰〰〰 ✍ प्रा.दिनेश सेवा राठोड   भाईयों, विश्वका रोमा बंजारा समुदाय भारत से है। उन्हें भारत के प्रवासी के रूप में पहचान करने के लिए के  हमारे देशमें आंतरराष्ट्रिय रोमा दिन हर वर्ष मनाना जरुरी है। की…

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” गोर नातो संबंध”(Goar Relationship)

” वाते मुंगा मोलारी” भीमणीपुत्र ‘ गोर नातो संबंध’-Gor Relation ship ‘ नातो ‘ नबाणू इ गोर धाटीमं घणो आवघड रचं. कनायी कनायी घटीर हातो जू कतराइ पाचर ठोकन बी टीकेनी; आटो पिसणो आधुरो रेजावचं. जू नातेरो बी रचं. करन केणावटेमं छ क,…. ” नबं तो नातो नतो घटीरो हातो ” गोरुमं नाते संबंधेनं घणो…

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“अश्ययुगीन संस्कृतीर ओळख सुकल्डी” (Bacon)

​”वाते मुंगा मोलारी”                           :-भीमणीपुत्र  ‘अश्मयुगीन संस्कृतीर ओळख ‘ सुकल्डी (Bacon)’- संस्कृतीर सेती पेल अवस्था कतो अश्मयुगेर संस्कृती छ.अश्मयुगीन संस्कृतीरे सुरूवातेरे अवस्थाती मानवेर वस्तूरुप संस्कृतीर निर्मिती हुयी. ये कालख॔डेमं मानव माचळी मारेरो नतो पचं येड रमती माइती मळं जे मांसबंदेपं आपण उपजीविका  करतोतो….

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“निऋती”-पृथवी देवता (

​” वाते मुंगा मोलारी”                         भीमणीपुत्र ” निऋती”-पृथवी देवता (चोको) पृथ्वी सारु ऋग्वेदेमं जे सुक्त केमेले छ; ओ से गोर आरदासेर इन्तीपं बेते हुये छ. ” पृथ्वी अन्नधान्याने समृध्द होवो..!” ई वेदे माइर आर्येर इ इन्ती इ ” सेरेर सव्वा सेर कर याडी..!” ये…

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“बंजारा समाज सिंधू धाटीचे वारसदार”- Banjara Culture

“बंजारा समाज सिंधू धाटीचे वारसदार” ” पंच पंचायत राजा भोगेरे सभा । पचारे लाख न पचारे सव्वा लाख।। सगा से आनंद भाई से कसव । कसव कसव आनंद आनंद ।।” बंजारा शब्द उच्चारताच ओठावर गीत येते ” बसती बसती परबत परबत गाता जाये बंजारा , लेकर दिलका एकतारा “  वाजवत बंजारानी व्यापार लदेणीच्या निमित्तानी साऱ्या…

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व्यापारी कौम बंजारा नायक थे-बाबा लक्खी शाह

बाबा लक्खीशाह बंजारा का जन्म रायसिना टांडा दिल्ली में हुआ पिता गोघू बंजारा एवं दादा ठाकुर दास बंजारा है । बाबा लक्खीशाह बंजारा हिन्दुस्तान का व्यापारी कौम बंजारा का नायक थें । ये एक बड़े व्यापारी थे जिनके पास दो लाख बीस हजार बैलों की बालदे थी। बाबा लक्खीशाह के आठ सुपुत्र एवं एक सुपुत्री…

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