Ancient history of banjara

“GOR: The Gazette of Royal Ruling Race” – History

“GOR: The Gazette of Royal Ruling Race” Nilesh Prabhu Rathod Bhukiya gor.nileshrathod@gmail.com Prologue:GOR Clan is an ancient Royal Ruling Race in the world and glorious antiquities for their Descendants but their footprints of flourished kingdom have been destroyed and banished by the inferior followers being KOR they were jealous,greedy,envy with GOR.Bengal formerly known as Gaur…

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रोमा बंजारा – Roma Gypsy history

»  पाञ्चजन्य के पन्नों से बात सुनो बंजारों की रोमा कहिए या अन्तरराष्ट्रीय बंजारे। पूरी दुनिया में फैले ऐसे लोग जिनकी भाषा और संस्कृति पर भारतीयता की स्पष्ट छाप है, लेकिन हर जगह, हर देश में जिन्हें हाशिए पर ठेल दिया गया और जिनके मानवाधिकारों की कोई बात नहीं करता। ह्यूमन राइट्स डिफेंस इंटरनेशनल (एचआरडीआई)…

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दवाळी र माहिती – मारतिया रामचंद भूकिया

तारीक ११/११/२०१५ दाडो बदवारी ‘ काळमावस ‘ छ आन तारीक १२/११/२०१५ दाडो वरसपती ‘ दवाळी ‘ छ. काळमावसेर दाड रातवणा छोरी मेरा मांघं छ. दवाळीर दाड परभाती छोरी गोधन करं छ आन तीसरे पोरेम गोधन पूजं छ. === १ ) सण २ ) सणसूत ३ ) सणवार ४ ) सणतेवार ५ ) काळपाटेर कर करणो…

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एक कौम जो सफ़र का पर्याय बन गई – बामनिया बंजारा

(परश राम बंजारा लंबे समय से राजस्थान में बंजारा समाज के लोगों के बीच उनके अधिकारों और समस्याओं को लेकर काम कर रहे हैं. राजस्थान की इस घुमंतु जाति पर उनका काफी अच्छा अध्ययन है और उन्होंने इसपर काफी सामग्री भी जुटाई है. बंजारा समाज को समझाने के लिए एक लेख, जो कि इस समाज…

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“पेणार वाणी”:माटी मारतीया रामचंधिया भुकीयां

== जो माटी समागो, वोर बेटासारू सीकवाडी घालं छ. === 👵🏽  सीकवाडी  😰    👵🏽 सामळो भा! रामीया, हेणी हेणी हीयी छ. नेकी बदी सराण लेन, पाडे सरीक पडावू ढळकगे छ. सेन वोज वाटेती जाणू छ. आज खावां छा, सवारेर भरोसो रेयेनी. वसोज मरण धरण केरी हातेर रेयेनी. हारे मायीर मोती पडते जाय, वेण माता…

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“बंजारा संस्कृती” दसरावेम चोको खुप म्हतवेरो,

== चोखो पूजा भर रछं, ठाल रेयेनी करन पूणेंर पोळी- कडायी आन बाटी-नारेंझा बना चोखो आधूरो छ. मरयामारो चोखो गोल रछं आन आयीरो चोखो चवरस रछं. दसराव पूजा करतू वणा दूसरो कायीं न करणू. कतो गोठ, जावळ आसो कायीं न करणू. टांढेम येके घर दसराव पूजा करतू वणा टांढेर दूसरे घरं दसराव पूजा आन दूसर…

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“पेणार वाणी” – Penar wani

== ये सेवे छ आन सेवेर मायी चवकोनी ‘ नायेकडा ‘ छ. दांढी मंझे हेंढगी पूनमेर दूसरे दाडेती होळी पूनमेर आंघेर दाडे तोणी टांढेवाळी सेवे करं छ. जे परात, छादळाम सेवे करं छ, वोम मायी नायेकडा करन बसारे बना सेवे करेनी. नायेकडार मायी सेवे करेरो तेल भरं छ. === -मारतीया रामचंधीया भूकीया

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“पेणांर वाणी”

== ये सेवे छ आन सेवेर मायी चवकोनी ‘ नायेकडा ‘ छ. दांढी मंझे हेंढगी पूनमेर दूसरे दाडेती होळी पूनमेर आंघेर दाडे तोणी टांढेवाळी सेवे करं छ. जे परात, छादळाम सेवे करं छ, वोम मायी नायेकडा करन बसारे बना सेवे करेनी. नायेकडार मायी सेवे करेरो तेल भरं छ. === -मारतीया रामचंधीया भूकीया सौजन्य:गोर कैलास डी.राठोड…

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“लोक शाहित्येम कुल चिन्ह”: आदिम ईतिहास,

“लोक शाहित्येम कुल चिन्ह”आदिम ईतिहास, भुकिया,(राठोड)कुल चिन्ह शेंबळ, शेंबळ हारो,भुकिया खारो, भुकियार मातेपर शेंबळेर भारो..। भुको भुकिया भावळीर मिनाम,लेरा लेरो,।।। ——————————- पवार कुल चिन्ह:-पंबोड्या, पवार गोत्र,पंबोड्यार भाजी खायनी, पोवार साजी पंबोड्यार भाजी,पंबोड्यार बि..जा..इजा केलागो..। बंजारा साहित्यक: भिमणी पुत्र मोहन नायक, सौजन्य:- गोर कैलास डी.राठोड, स्वयंसेवक गोर बंजारा संघर्ष समिती भारत, प्रमुख आँडिटर बंजारा न्युज, मो.9819973477

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बंजारा समाज का  प्राचीन इतिहास

भारत की सबसे सभ्य और प्राचीन संस्कृती सिंधु संस्कृती को माना गया है। इसी संस्कृती से जुड़ी हुई गोर- बंजारा संस्कृती है और इस गोर बंजारा समाज का  वास्तव पुरी दुनियाभर में है और उन्हें अलग अलग प्रांत में अलग अलग नाम से जाना जाता है। जैसे महाराष्ट्र में बंजारा, कर्नाटक में लमाणी, आंध्र में…

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