बंजारा समाज का  प्राचीन इतिहास

भारत की सबसे सभ्य और प्राचीन संस्कृती सिंधु संस्कृती को माना गया है। इसी संस्कृती से जुड़ी हुई गोर- बंजारा संस्कृती है और इस गोर बंजारा समाज का  वास्तव पुरी दुनियाभर में है और उन्हें अलग अलग प्रांत में अलग अलग नाम से जाना जाता है। जैसे महाराष्ट्र में बंजारा, कर्नाटक में लमाणी, आंध्र में…

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Banjara Reservation in state wise

Present position of Banjaras and its synonyms and Sub-Castes in the list of Scheduled Castes and Scheduled Tribes and OBC of the Constitution of India (Source: From Constitution of India, State Gazette Notifications- Data collected by Thanda Development Corporation Limited, Bangalore)   Present position of Banjaras and its synonyms and Sub-Castes in the list of…

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रकाबगंज गुरुद्वारा में बाबा लक्खीशाह बंजारा का स्टेचू लगाया जाएगा – हरिभाऊ राठोड़

आज ता.25 सितम्बर को दिल्ली स्तित रकाबगंज गुरुद्वारा के के प्रधान श्रीमान मंजितसिंग जी के को पूर्व सांसद और ऑल इंडिया बंजारा संघ के अध्यक्ष हरिभाऊ राठोड़ साहब ने कमीटी को एक ज्ञापन दिया ! जिसमे बाबालखिशा बंजारा का स्टेचू गुरुद्वारा परिसर में लगाने की मांग की ! कमिटी प्रमुख प्रधानजीने तुरंत यह बात मानली…

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Goar Govind Guru Banjara: A Great Freedom FighterIn the second half of 19th century Govind Guru

Goar Govind Guru Banjara: A Great Freedom FighterIn the second half of 19th century Govind Guru (Banjara), besides leading Adivasi movements not only against English rule, but also against native kings and the Begari (forcing village workers to work without wages) practices of jagirdars, had spearheaded social reform movements. Apart from launching anti liquor and…

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“बंजारा” ही महाराष्ट्रातील हिन्दू धर्मातील एक जात आह- Banjara History

बंजारा” ही महाराष्ट्रातील हिन्दू धर्मातील एक जात आहे. सुमारे चार-पाचशे वर्षापुर्वी या समाजानेचित्तोडगड राजस्थानातुन वेगवेगळ्या राज्यात स्थलांतर केले. हा समाज मुख्यतः महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक,गुजरात मध्यप्रदेश,उत्त रप्रदेश,छत्तीसगड, राजस्थान, हरियाना, पंजाब,जम्मू-काश्मीर व गोवा या भागांत कमी जास्त लोक्संख्येने पसरलेल्या या जातीतील लोक प्रमुख ४ पोट जातीत विभागल्या मुळे एकता नसलेला पण भारतातील एक प्रमुख क्षत्रिय भटका समाज….

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आद्यक्रांतिकारक उमाजी नाईक जयंती

आद्यक्रांतिकारक उमाजी नाईक (जन्म : ७ सप्टेंबर १७९१ मृत्यू : ३ फेब्रुवारी १८३२) हे भारताला स्वातंत्र्य मिळवून देण्यासाठी ब्रिटिशांविरुद्ध लढणारे महाराष्ट्रातील आद्यक्रांतिकारक होते. आज त्यांच्या स्मृतीदिनी तोंडगांव वासियांकडून विनम्र अभिवादन. भारताच्या इतिहासात अनेक ऐतिहासिक घटना घडल्या आहेत काहींची नोंद झाली, काहींची दखलच घेण्‍यात आली नाही. सन १८५७ च्या उठावाअगोदरही अनेकउठाव झाले अशाच पहिल्या उठावाद्वारे इंग्रजांना सलग १४ वर्ष…

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गोर गोआर बंजारा इतिहास

राजा भोगेरे सभा । पचारे लाख न पचारे सव्वा लाख ।। सगा से आनंcद भाई से कसव। कसव कसव आनंद आनंद।। उदयपुर जवळील छोटी सादडी भागात इ.स. ३०० वर्ष गोर वंशीयाचे राज्य होते (इ.स.११०९ ते १८०९) त्याचा शिलालेख सापडला आहे. तर पिलीभिती बरेली डोंगराल भागात दलपत शहा बंजारा राज्य करीत होता. तर झावुआ गोर राजा…

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Banjara Vimukt Ghuamantu day 31 august

मेरे सारे घुमंतू समुदाय के भाई – बहनों को ३१ अगस्त मुक्ति दिन की हार्दिक शुभकामनाये

दोस्तों हमारे देश को आज़ादी मिलने के 5 साल बाद हम गोर बंजारा व विमुक्त घुमंतू जाती के लोगो को ३१ अगस्त को आज़ाद किया गया था इस लिए ३१ अगस्त १९५२ में ही हमारे लिए आज़ादी का दिन है . घुमंतू समुदाय ने इस देश पर आक्रमण करने वाले अंग्रेजो से लड़ते हुए हजारों…

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**वदाई दागेर कडी** Raviraj S.Pawar

🙏जय सेवालाल🙏 **वदाई दागेर कडी** कोळी आव कोळी जाव कोळी मायी जोग समाव धोळो घोडो हांसलो पातळीया अवसार मुंगे अवडा मोगरा तल्ली आवडा बाण गुरू बाबा सदाजाण.         धन्यावाद👏 गोर. रविराज एस.पवार शामपुरहळ्ळी तांडा, वाडी, कर्नाटक. जि.बी.एस.एस. भारत (स्वयंसेवक) भा.बं.भ.से.स.( कलर्बगी विभाग खजांची) 08976305533

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भारत की सबसे सभ्य और प्राचीन संस्कृती

भारत की सबसे सभ्य और प्राचीन संस्कृती सिंधु संस्कृती को माना गया है। इसी संस्कृती से जुड़ी हुई गोर- बंजारा संस्कृती है और इस गोर बंजारा समाज का  वास्तव पुरी दुनियाभर में है और उन्हें अलग अलग प्रांत में अलग अलग नाम से जाना जाता है। जैसे महाराष्ट्र में बंजारा, कर्नाटक में लमाणी, आंध्र में…

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