Banjara woman gormati lamani

“गोरमाटी गोरबोली भाषान,भाषार दर्जा कु मळीय..? एक वैचारिक अभियान” 

जय सेवालाल गोरमाटी गोरबोली भाषान भाषार दर्जा कुकंळ मळीय ? — एक वैचारिक अभियान ✍ प्रा.दिनेश सेवा राठोड 〰〰〰〰〰〰〰 भाग-2 लारेर 50 सालेम  भारतेर  जवळपास  20 टका भाषा खतम वेगीच . 50 सालेर आंग 1961र जनगणनार बाद 1652 मातृभाषार पतो लागोच  वोर बाद वस कोई लिस्ट तयार कौणींव्ही, जना असो समजेन आयेतो  कि 1652 भाषा…

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Banjara Sakhi

“गोरमाटीर साकी”:- भिमणीपुत्र,

” वाते मुंगा मोलारी ” भीमणीपुत्र ” साकी “- ‘ भाषा शास्त्रेर अभ्यासकेनं भुळी खरायेवाळे गोर बोली भाषा मौखिक साहित्ये माइर ‘ साकी ‘ ये शब्देरो आरथ जर आपण धेनेम लिदे तो गोर मौखिक साहित्य इ कतरा सुसंस्कृत छ येर जाणीव वेये सवायी रेयेनी. भाषा शास्त्रेमं एक प्राकृत छंदेनं ‘ साकी ‘ केमेले छ. येर…

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Banjara Songs Bhajan

“बंजारा समाजेर पोरीया तारा”

बंजारा समाजेर “पोरीया तारा” गोरमाटी समाजेम जलमो हीरा धरमंणी याडी भिमा नायकेरो छोरा ……||धृ|| गोरमाटीसारु वु तो किदो कोनी विया नाम छ वोरो कोरे-गोरेरो सेवाभाया गोर समाजेप वोर हरघडी छाया हाकमारा वोन केन मोतिवाळो सेवाभाया…..|1| सेवाभायान काचा आपंण पोरिया तारा सेवाभायारे नामेती वजांवा थाळी -नंगारा गोरमाटी एकिसारु तांडोतांड फरा सेवाभायारी वाते वचार पचारा मत बेईमान…

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Banjara Dhaliya

“गोर बोलीभाषा साधित शब्द औळख

​” वाते मुंगा मोलारी ” भीमणीपुत्र ‘ गोर बोलीभाषा साधित शब्द ओळख ‘ अभ्यस्त शब्द प्रकार- आगळपगळ,आगलबगल, सेजारीपाजारी. अंशाभ्यस्त शब्द प्रकार – हाळदमाळद,आडोतेडो, ओळोसोळो, सामळीसुमळी, पामणपइ, भांदीभुंदी, हाळीफुंग, भारीभस, ढिलोढस, गीलोगच, केयीकायी, ठामठीकर, बोटीमोटी, नवतोखवतो, पीळजरद, वीटोझीटो, मानपान, साटीसराप, ठालोपालो, गोरभराड, खरापरा,मालमसालो, चोरचील्टा, झाडझूड , उंगोवांगो, गावडीमावडी, बळदमळद, ढोरढांडो, धोवणधावण… पूर्णाभ्यस्त शब्द प्रकार- टकडाटकडा, वळवळ,…

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Banjara Bhimani putra Book

गोर बोलीभाषा साधित शब्द ओळख -भीमणीपुत्र

​” वाते मुंगा मोलारी ” –भीमणीपुत्र ‘ गोर बोलीभाषा साधित शब्द ओळख ‘ अभ्यस्त शब्द प्रकार- आगळपगळ,आगलबगल, सेजारीपाजारी. अंशाभ्यस्त शब्द प्रकार – हाळदमाळद,आडोतेडो, ओळोसोळो, सामळीसुमळी, पामणपइ, भांदीभुंदी, हाळीफुंग, भारीभस, ढिलोढस, गीलोगच, केयीकायी, ठामठीकर, बोटीमोटी, नवतोखवतो, पीळजरद, वीटोझीटो, मानपान, साटीसराप, ठालोपालो, गोरभराड, खरापरा,मालमसालो, चोरचील्टा, झाडझूड , उंगोवांगो, गावडीमावडी, बळदमळद, ढोरढांडो, धोवणधावण… पूर्णाभ्यस्त शब्द प्रकार- टकडाटकडा, वळवळ,…

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गोरमाटीर सण *होळी* – Banjara Holi

???? *होळी* ???? गोरमाटीर सण *होळी* दवाळीनं *मेरा* मांघं छं आन *होळीनं* *गेर* मांघं छं. होळी आयी होळी आयी राम चंधोला केते आवं छं. येक मीना आंघज होळीर गीद आन लेंघी बोलणो चालू वेजाव छं. *होळीती* दांढे आतरा दन सरकं छं. होळीर आंघं टांढेम कोयी *समागे* तो वोर घरं बोलेनं जावं छं आन जेर घरं…

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“तांडा”एक अदभुत संकल्पना”

“वाते मुंगा मोलारी” भीमणीपुत्र “तांडा”- “तांडो ई मनुवादी छेनी तो बौद्धवादी बी छेनी, तांडा ई एक अदभुत संकल्पना छ जेनं इंग्रजी पारिभाषामं ‘ रोम्यांटिशिझम’ केतू आवचं.जगेर पूटेपं कोर अन गोर ये दी मानवो समुहेर अस्तित्वेन गोर संस्कृती मानचं,  ये माइर गोर गणेर वसती स्थानेनं तांडो कचं, ‘तांडव’ ये शब्दे परती तांडा ये शब्देर व्युत्पती हुयी…

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“गर्व का इतिहास और शर्म का वर्तमान”

“गर्व का इतिहास और शर्म का वर्तमान” एक बंजारा नाम का प्राचीन समाज था जिसमें गोर समाज के पहले गुरू देमा गुरू के शब्द सिकच सिकावच सिके राज धघडावच,सिके जेरी साज पोळी,जैसे शब्दों का उच्चारन अबतक समाज के होटोंपर होली के दिन गुंजता है। और समाज के महान संतों मे पिठा गौर,क्रान्तिवीर सेवालाल महाराज जैसे…

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“बंजारा समाज के सभी युवकों को यह शपथ ग्रहण करणी होगी”

​!!शपथ!!! संत क्रांतिवीर जगतगुरु सेवालाल बापू के जयंतीअवसर पर ये शपथ लें कि हम हमारी संस्कृति ठीक से याद करे और कोई भी काम या वाच्यता से समाजद्रोह की भूमिका ना निभाए सबको योग्यता के अनुसार मान सनमान दे हमारे समाज ने बहुत भुगता है और ना भुगतना पड़े याद रहे जीवन का ये क्षण…

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“बंजारा समाज सदियो पूराना”

भारत की सबसे सभ्य और प्राचीन संस्कृती सिंधु संस्कृती को माना गया है। इसी संस्कृती से जुड़ी हुई गोर- बंजारा संस्कृती है और इस गोर बंजारा समाज का  वास्तव पुरी दुनियाभर में है और उन्हें अलग अलग प्रांत में अलग अलग नाम से जाना जाता है। जैसे महाराष्ट्र में बंजारा, कर्नाटक में लमाणी, आंध्र में…

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