रोमा बंजारा – Roma Gypsy history

»  पाञ्चजन्य के पन्नों से बात सुनो बंजारों की रोमा कहिए या अन्तरराष्ट्रीय बंजारे। पूरी दुनिया में फैले ऐसे लोग जिनकी भाषा और संस्कृति पर भारतीयता की स्पष्ट छाप है, लेकिन हर जगह, हर देश में जिन्हें हाशिए पर ठेल दिया गया और जिनके मानवाधिकारों की कोई बात नहीं करता। ह्यूमन राइट्स डिफेंस इंटरनेशनल (एचआरडीआई)…

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कुलाबा में हर्षोल्लास से मनाई गई दीपावाली (Diwali 2015)

कुलाबा : दीपावली बंजारा समाज विशेष तरह से मनाता आ रहा है, बंजारा समाज पुरे भारत में रहता है, दीपावली भी इनकी विशेष होती है, कहीं पारंपरिक तरीके से मानते है तो कही आधुनिक तरीके से मनाई जाति है परन्तु मुंबई के कुलाबा में रहने वाले बंजारा समाज की अपनी विशेष दीपावली होती है. गोर…

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एक गामेम एक कसार रेताेताे Gormati saaki

एक गामेम एक कसार रेताेताे राेज गांमेम चुडी वेचेन जाताेताे एक दन प्रभाती जलदी उटन कसार पाउल वाटेती जाराेताे वतराम वाेन जाेरेर संडास आवगी कसार बाजुन संतरार बागेम बेसन संडास करराेताे वतराम बांगेर मालक घाेडेप बेसन चलियाराे जकाे कसार देकलीदाे आब  मालक   मन मारच करन कसार संडासेप कुंकू हाळद नाकन देवेनयी करनाकाे व छेटी जप…

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दल (मन)

दल (मन) शान्ति त्यागे ती मळछ दलेर एकाग्रता ती कोनी. दलेन भगवाने ती अतराभी लगाडनु जरूरी कोनी जतरा जरूरी भगवानेम खुद लागनु जरूरी छ. स्वता भगवानेम लागजाईस तो दल अापो-आप भगवानेम लागजावछ. दलेन स्थिर करनु मूल्यवान छेनी प्रत्युत स्वरूपेर स्वत:सिद्घ निरपेक्श स्थिरतार अनुभव करनु मुल्यवान छ. जनालगु दले्न संसारेती हटान परमात्मा म लगाडेर कोशीस रेये…

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Banjara Diwali utsav 2015

“गोर बंजारा संस्कृती दिपावली कार्यक्रम संपन्न हुआ- सेवालाल फाऊंडेशन कुलाबा,

“गोर बंजारा समाज का दिपावली उत्सव बड़ी धूम धाम से संपन्न हुवा” कुलाबा में आज 12/11/2015 को सेवालाल फाऊंडेशन व विर बंजारा कुलाबा कि ओर से बंजारा संस्कृती के अनुसार दीपावली कार्यक्रम का आयोजन किया गया था जिसमे हजारो युवती महिला ओ ने पारंपारिक वेशोमे  नाचते गाते गोधन पूजा किया . गोर बंजारा समाज मे…

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“दवाळीर गोदन करतु वणा”

== गोधन करतू वणा १ ) कासी २ ) बरू ३ ) लांबडी ४ ) गनेरीर फूल ५ ) कारोळार फूल वापरतेते. === गोधन पूजेसारू १ ) बरूरी पाच काडी २ ) कूरल वापरतेते. ==== -मारतीया रामचंधीया भूकीया == गोधन करतू वणा १ ) कासी २ ) बरू ३ ) लांबडी ४ ) गनेरीर फूल…

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“बंजारा समाजेर दवाळी”

== – दवाळी – १ ) आपणेम दीज सण छ. होळी आन दवाळी. ये दोयी सणेर वणा कूणसी भी देवी देवतान पूजतेते कोनी. २ ) काळमावसेरो दन आतमतू वणा चूले मायीरो आंघार बूर देतेते. ३ ) वजाळो न दीसाणू करन चलम बीडी सदा कोनी पीतेते. ४ ) वाणी तारा दीसायेर वेळा नायेकण आरोळी देतीती, ‘…

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“समाजेर आडचण”

== समाजेर आडचण छ, धेन देताणी वाछणू आपण लोक जांघडेन भेळतेते कछं. आजकाल आपणेम कोयी आयेनी. पणन आपणज लोक आपणेन छोडन दूसरे सामू जारे छ. आसे हाल आपण वेगे छ. पेनार वाणी, पेनार धाटी, पेनार बानो वेतों आन साबीत लोक पेनेबाज वेतें करन गोरमाटीम भळेसारू लोक आतेते कछं. जांघडेन गोरूम लेयेरी तीन पायरी वेतीं. १…

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“रात आंधारीये दिवलो बाळजो”

== रात आंधेरीये दीवलो बाळ दीजो  ।। रात आंधेरीये दीवलो बाळ लीजो  ।। === यी गीद गावं छ. लकेवाळ साबीत लोक लकरे छ. ये गीदेरो आरत – छोरीन बूडीठाढी केरी छ,  ‘ आंधार रात छ, तम दीवो बाळ दीजो.’ वसोज लोकून बूडीठाढी केरी छ, ‘ आंधार रात छ, तम दीवो बाळ लीजो.’ मेरासारू छोरी जतेतोणी…

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“पेणार वाणी” देवीर आरदास’

“पेणार वाणी”:माटी गोर मारतीया रामचंधिया भुकीया, – ==   आरदास  जे जे मरयामा याडी सायेबणी खंढळ मंढळ तार छ धणीं मातान सायी वेणू रात दनेर चारी पोर तार छ जतं समरा वतं आढण आणू लोयी पाणी तारो छ दी पगा चार पगान सायी वेणू वेलवाडी तार छ सेरी वेले मांढवान पूछाणू वाड वसतीर वूरी छी…

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