Praksh Shiwaji Rathod
॥ गोर बंजारा कसळात भिया ॥ नायक , कारभारी,अन डावसाण येन मारो नमस्कार पचपचात राजा भोज सभा सगळ कचेरी नायक पचारु सव्वा लाख तो अन पचारु सव्वा लाख र कारभारी , कचन की काया कपूर की छाती तम हम मलगे तो. शितल वेगी छाती र भीया ॥ दल तमारो अकल केर , मरण धरण रामेर…