चालतू छेडा,गोरबोली भाषारो विकास;गोरगणेरो विकास:- भिमणी पुत्र.
राम पोर चालतू छेडा, गोरबोली भाषारो विकास;गोरगणेरो विकास! भाषा ई संस्कृतीसामू जायेर एक हमरस्ता छ.भाषा जर भुलाडी पडगी केलं तो ओ भाषिक संस्कृतीताणू जायेर वाट बंद वे जावचं;करन भाषा जिवत रेणू ई घणो गरजेर रचं.केवळ भाषाज कोनी तो ओ भाषा व्यवहारे माईर आसली शब्द भी जिवते रेणू इ आवश्यक रचं.आज गोरबोली भाषा व्यवहारेमं गोरुर अस्तित्वेर…