साथियों…
मुल विमुक्त घुमंतू जनजातिया वो है Those are Landless, Homeless, Educationless and against having a stigma of criminality
यह आप सब को पता है, आज इसमे से थोडे बहुत स्थायी होकर अपने घर परिवार के साथ जैसा वैसा गुजारा कर रहे हैं. पुरै भारत मे लगभग 12% से जादा आबादी होते हुए भी,जनजातियोको शैक्षणिक, आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक भागीदारी “ना” के बराबर है
माय बाप सरकारों ने संविधानिक आरक्षण में अलग अलग वर्गों में बाटकर छिन्न विछिन्न कर रखा है. आज भी शिक्षा का प्रमाण अत्यल्प है. ऊच्च शिक्षा और उच्च पदस्थानो पर 0.1% भी नही है.
फिर भी महाराष्ट्र, गुजरात,राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ मे क्रिमिलेयर लागु कर गले मे फासी का फंदा डाल दिया गया है. जादातर लोग केवल पेट भरने के लिए जि रहे हैं. ऐसी जनजातियों को विशेष रूप से सुविधाएं उपलब्ध कराने की आवश्यकता, अनेक आयोग वा कमीशन के रिपोर्ट द्वारा राज्य सरकारों व केंद्र सरकार को अनेक बार सोपी गई है. जैसे डॉ गणेश देवी जी की टॅग रिपोर्ट, रेनके कमीशन, डॉ नरेंद्र जाधव, सोनिया गांधी के जरिए नॅक की रिपोर्ट, महाराष्ट्र सरकार को दिया गया बापट कमीशन रिपोर्ट, इत्यादी
लेकिन सरकार ने आख उठाकर भी ऐसे रिपोर्ट पर नजर डाली नही. यह एक कडवी सच्चाई है…..
साथीयो यह क्रिमिलेयर रद्द करने के लिए महाराष्ट्र में राज्य मागास आयोग ने दो बार राज्य सरकार को शिफारस भी की है, राज्य सरकार ने विधानपरीषद में मा. हरीभाऊ राठोड जी के सवाल पर, मुल विमुक्त घुमंतू जनजाति का यह क्रिमिलेयर रद्द करने का आश्वासन भी दिया है.
लेकिन आज तक रद्द नहीं किया गया है साथीयो पुरे देशभर मे मुल विमुक्त घुमंतू जनजाति की जनसंख्या देखते हुए 0.01% लोग भी क्रिमिलेयर के दायरे मे नही आते हैं. लेकीन ईसका नुकसान 99.99% जनता को भुगतना पड़ रहा है. ईस 99.99% विद्यार्थी अौर जनता को ईस क्रिमिलेयर का दाखिला लेने के लिए जो वक्त और पैसा बरबाद हो रहा है. वह बेशुमार है. जो समाज पहले से ही निर्धन है, ऊसी समाज की लुट की जा रही है. पुरे देश भर मे सरकार ईन कबीलो के उच्च शिक्षा के लिए सरकार जितना पैसा खर्च कर रही हैं उस से कई गुना जादा पैसा ईस समाज का क्रिमिलेयर का दाखिला लेने के बरबाद हो रहा है सरकार ने मुल विमुक्त घुमंतू जनजाति के विकास के लिए बजेट में जनसंख्या के उत्पाद मे आर्थिक बजेट का प्रावधान करना बहुत जरूरी है. लेकिन यहा मा-बाप और बच्चों को तहसील मे चक्कर लगाकर चक्कर आ रही है.
साथीयो ईन कबीलो को क्रिमिलेयर से बाहर रखने के लिए ईंद्रासहानी / भारत सरकार ईस केस मे भी राज्य सरकारों को निर्देश दिए हैं, अगर राज्य सरकार चाहती है तो ईन कबीलो को क्रिमिलेयर से छुट दे सकती है लेकीन किसी भी राज्य सरकार ने ईस का संज्ञान नही लिया. मुलता विमुक्त घुमंतू जनजातिया होने के बावजूद भी इन्हें जनजातियो को मिलने वाले संविधानिक आरक्षण के हक से वंचित रखने के बावजूद, क्रिमिलेयर का फंदा गलेमे डालकर, उच्च शिक्षा और नौकरी मे जानेके लिए क्रिमिलेयर का बहुत बड़ा फत्थर छाती पर रखकर श्वास लेने मे बाधा पैदा कर दी गई है.
साथीयो मुल विमुक्त घुमंतू जनजाति को क्रिमिलेयर से बाहर रखने की आवश्यकता है.
यह क्रिमिलेयर रद्द होना बहुत जरूरी है. मुल विमुक्त घुमंतू जनजाति को क्रिमिलेयर लागु करना यह केवल एक धोखाधड़ी और षड्यंत्र है. मुल विमुक्त घुमंतू जनजातिया का क्रिमिलेयर रद्द होना बहुत जरूरी है
जयसेवालाल जयसंविधान जयभारत
अंबरसिंग बन्सी चव्हाण
9869996721
महासचिव
भारतीय बंजारा समाज कर्मचारी सेवा संस्था
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