गोरबंजारा लहर
अब बुंद बुंद जमने लगी है।
बंजारा के दिल मे निस्वार्थ समाजसेवा कि आग लगी हैं।
बुंद बुंद से
अब गोरबंजारा
तलाब बनेगा।
नदी बनेगा ।
सागर बनेगा।
जुडते जोडते अब ए
महासागर बनेगा।
जय सेवालाल बोलो।
जुडते चालो?
अन गरीबेती लेन सावकारेताणी सेन जोडते चालो।
किसन व्ही राठोड
ठाणे।