महाराष्ट्र की राजनीति में गुरुवार का दिन दो बड़े और पुराने गठबंधनों के टूटने का दिन रहा. बीजेपी-शिवसेना में टूट के बाद शरद पवार की पार्टी एनसीपी ने भी कांग्रेस से अलग होकर विधानसभा चुनाव लड़ने का फैसला किया. एनसीपी ने कहा कि वह अब ‘समान मानसिकता’ वाली पार्टियों के साथ चुनाव लड़ेगी. दोनों पार्टियों के बीच 15 साल से गठबंधन था.
एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल, अजित पवार और सुनील तत्कारे ने प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस से अलग होने का ऐलान किया. तीनों नेताओं की भाषा और शिकायतें वैसी ही थीं, जैसी शिवसेना से अलग होने के बाद बीजेपी नेताओं की थी. एनसीपी ने कांग्रेस पर जिद पर अड़े रहने का आरोप लगाया. एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उनकी पार्टी ने कांग्रेस को मुख्यमंत्री पद का कार्यकाल साझा करने का प्रस्ताव भी दिया था, लेकिन कांग्रेस नहीं मानी. अजित पवार ने कहा कि वह प्रदेश के राज्यपाल के पास जाकर इस फैसले की सूचना देंगे.
एनसीपी नेताओं ने किसी रिवाज की तरह कांग्रेस के साथ बिताए अपने अच्छे समय को याद किया. प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि उन्होंने कहा, ’27 सितंबर को नामांकन दाखिल करने का आखिरी दिन है, वक्त बीत चुका है, इसलिए हमने अकेले चुनाव में उतरने का फैसला किया है.’