गोर बोलीभाषार लेखक,साहित्यकार ‘भिमणीपुत्र मोवन नायेक,  गोरबोलीभाषार १९९५ सालेती वेगवेगळे पुस्तक लखरेछ.

​”वाते मुंगा मोलारी” गोर बोलीभाषार लेखक,साहित्यकार ‘भिमणीपुत्र मोवन नायेक, मामा गोरबोलीभाषार १९९५ सालेती वेगवेगळे पुस्तक लखरेछ. वोंदूर पुस्तक :- *नसाबी* *गोरमाटी-संस्कृती आणी संकेत* *केसुला(कविता संग्रह)* *तुकारी* *क्रांतीसिंह सेवादास तोडावाळो* *मारोणी* *गोरपान(गोर बोलीतील भाषासौदंर्य)* आणि आगामी *लावण* यी पुस्तक लखरेछ. वोदूंर *वाते मुंगा मोलारी* नामेर लेखेम वोदूंर पुस्तकेमायीर संदर्भ देन पेनो,बाणो,धाटी,आसी वेगवेगळी वातेर दर्शन घडारेछ. मोवन…

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“एकता”

जते लगा आपण से भाई एकच वातेन लेन समाजे विचार करानी वोते लगा समाजेर भलो वेयेवाळो छेनी.. कारण आपण भाई भाईमाईच टिका टिपणी करन जिवन व्यार्थ घालरेचा..म मोठो म मोठो केन जिवनेम लार रेगेचा…”म”पणो छोडा अन्..समाजेर विचार करा…समाजेन जर खरो खर जोडेर वियतो “म” येर जागेपर “हम” लगान काम करा जना समाज जुडिय…आपण जरी सोंच…

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राज्यातून व विभागातून इयत्ता 10 वी व 12 वी च्या परीक्षेत सर्वप्रथम येणाऱ्या विमुक्त जाती व भटक्या जमातीच्या गुणवंत विद्यार्थ्यी व विद्यार्थ्यीनींना स्व.वसंतराव नाईक गुणवत्ता पुरस्कार प्रदान करणे.

201703041152025522 201703041152025522राज्यातून व विभागातून इयत्ता 10 वी व 12 वी च्या परीक्षेत सर्वप्रथम येणाऱ्या विमुक्त जाती व भटक्या जमातीच्या गुणवंत विद्यार्थ्यी व विद्यार्थ्यीनींना स्व.वसंतराव नाईक गुणवत्ता पुरस्कार प्रदान करणे.

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कुलाबा में संपन्न हुई गोर बंजारा संघर्ष समिती की बैठक

गोर बंजारा संघर्ष समिती की बैठक कुलाबा में संपन्न हुई। संयोजन रविराज राठोड ने इस कुलाबा, कफपरेड के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और कहा समाज को एक होकर कम करने की सलाह दी। बांधकाम और मच्छी व्यवसाय विभाग के मजदूरों की समस्या दूर करने के लिए अगले हफ्ते कामगार मंत्री से मिलने से पहले समाज…

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महाराष्ट्र में ई-लॉकर का सपना साकार

मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने नौकरी और दूसरे कामकाजों में आवेदन करने के लिए सर्टिफिकेट्स और डिग्री जैसे अहम दस्तावेजों को सुरक्षित रखने के मकसद से आधार कार्ड से जुड़ी ऑनलाइन ई-लॉकर सुविधा शुरू की है। ’महा डिजिटल लॉकर’ से एजुकेशन और संपत्ति से जुड़े महत्वपूर्ण दस्तावेजों को भौतिक रूप से लाने ले जाने की परेशानी…

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8 अप्रैल विश्व गोर बंजारा दिवस की सुरुवात

दोस्तों 8 अप्रिल 1981के दिन रोमा जिप्सी व विश्व बंजारावो की बैठक जर्मनी में हुयी थी जिसमे भारत से स्व. रामसिंग भानावत व स्व. रणजीत नाईक जी ने भाग लिया था। उस दिन को समाज की एकता के लिए “विष्व गोर बंजारा दिवस” के रूप में मनाने का निर्णय कई वर्ष पहले समाज के बुद्दीजीवियोने…

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