वाते मुंगा मोलारी
My swan song
प्रमाण भाषानं समृद्ध अन संपन्न करेमं गोरबोली भाषारो महत्वपूर्ण वाटा छ, गोरबोली भाषार श्रीमंती आज भी ढासळी कोनी छ.गोरबोली भाषार श्रीमंती गोरबोली भाषार मालकीर शब्देती सिकासीक भरान वतलरी छ.पोरीरात,पणिरी पनवाळी,भोवारी ढळगी, आंबळा झडगो, काचे कुलरेरी, आडायी चावळेरी,लोटा पाचेरी,कोळीयारी, साळ्यार तांगडी ये स्वतंत्र गोरबोली शब्दधन तो घटनात्मक दर्जारी 22 भाषामं धुंडे तो भी लाबेनी. गोरबोली भाषार इ स्वतंत्र ओळख छ.गोरबोलीनं भाषा माइती नाळी करतू आयेनी.भाषा अन बोली इ खुळचट कल्पना छ.
श्रौत अन दृष्य ये बोली अन भाषार निकष ये थोतांड छ.गोरबोली इ भाषाज छ.भाषार सौंदर्येती गोरबोली लदबद छ.ओर सौंदर्य आरशामं भी नावडेनी.नावडेनी, आतरी ऊ देखणी छ
साकतरेरो पेनो
साकीरो लेपो
गीदेरो खडपा
धाटोरो मंडावा
इज ओरो बानो
आसो ओरो थाट..गोरवट!
थने याडी तोनं…?
भीमणीपुत्र
मोहन गणुजी नायिक
सौजन्य:गोर कैलास डी राठोड
गोर बंजारा आॅनलाईन न्यूज़ पोर्टल मुंबई
मो.9819973477