“गोरमाटी साहित्यिक भिमणीपुत्र बापू के दृष्टिसे गोर साहित्य की उपयुक्ततता Usability क्या है”
भिमणीपुत्र बापू के दृष्टिसे गोर साहित्य की उपयुक्तातता usability क्या है !! जब मैने बापू, भिमणीपुत्र, मोहन गणुजी नाईक ( साहित्यिक, महाराष्ट्र )के किताब पढे,गोर साहित्यके प्रति उनकी बहुमोल संवेदनशील भावनाओं का एहसास हुआ । उनके साहित्य का मुख्य प्रयोजन गोर वैज्ञानिक कसोटीपर खरा उतरनेवाला गोर मानवीय भावना एंवम संवेदना का विस्तार…