सासरो गोरमाटि कविता, कवि: सुरेश मंगुजी राठोड़

सासरो *कतराको सोसू याड़ी,* *सासरेरो बळजो !* *केन कू ये याड़ी मारो,* *फाटे लागे कळजो………..!!१!!* *ससरो मळो गुलाम,* *सासू घण भारी छ !* *चलवादी नणंद,* *देवर तो बिगारी छ………..!!२!!* *पतीदेव सिको-साको,* *घणोजं लाचार छ !* *कू करन काडू दनं,* *घणोजं विचार छ………….!!३!!* *हेवा-दावा घरेमायी,* *जीवणेम प्रेम छेई !* *आड़मुठ लोक मळे,* *केरी काई नेम छेई………..!!४!!*…

Read More

सासरो गोरमाटि कविता कवि: सुरेश मंगुजी राठोड़

🙏🏻😭 *!! सासरो !!*😭🙏🏻 🕸🕸🕸🕸🕸🕸🕸🕸 *कतराको सोसू याड़ी,* *सासरेरो बळजो !* *केन कू ये याड़ी मारो,* *फाटे लागे कळजो………..!!१!!* *ससरो मळो गुलाम,* *सासू घण भारी छ !* *चलवादी नणंद,* *देवर तो बिगारी छ………..!!२!!* *पतीदेव सिको-साको,* *घणोजं लाचार छ !* *कू करन काडू दनं,* *घणोजं विचार छ………….!!३!!* *हेवा-दावा घरेमायी,* *जीवणेम प्रेम छेई !* *आड़मुठ लोक मळे,*…

Read More

“आवगो देखो जिओ गोरमाटी कवीता” कवी: रविराज एस. पवार

आवगो देखो जिओ जरा हूशारेती रीयो। वेळ चालरोच भारी कठिन स्वतार पगेपर तम करार मारलियो।। आवगो व्हाट्सएप्प, फेसबुक देखो ऊठे सुटे लोग भारी बक। भिया आब तरी सदर जाओ आवगो देखो जिओ पहिला तम जोभी कीदे तमार चूक हम पदर लीदे। भिया आब तरी सदर जाओ आवगो देखो जिओ।। मेहनत कीदे हम मजूरी कीदे तम…

Read More