सेवा – कविता

सेवा ई घणो आचो छ नाम सेवा नामेती व्हेरे घणे आचे काम ।।धृ ।। कोई कचं सेवा कोई कचं बापू हाम जगेरचा सेवा तारे नामेवासू कोई कचं लाल कोई कचं दास सेवा नामेती हाम कररेचा आरदास कोई कचं बापू कोई कचं सेवा सेवा नामेपर आजेताणी खारेचा मेवा कोई कचं सेवा कोई कचं भाया सेवा करेवासं…

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Very Beautifully Written

ऐ सुख तू कहाँ मिलता है क्या तेरा कोई स्थायी पता है क्यों बन बैठा है अनजाना आखिर क्या है तेरा ठिकाना। कहाँ कहाँ ढूंढा तुझको पर तू न कहीं मिला मुझको ढूंढा ऊँचे मकानों में बड़ी बड़ी दुकानों में स्वादिस्ट पकवानों में चोटी के धनवानों में वो भी तुझको ढूंढ रहे थे बल्कि मुझको…

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चाल ए गोरीय आपण जत्रान जावा… जत्रान जावा काई- काई लावल..

चाल ए गोरीय आपण जत्रान जावा… जत्रान जावा काई- काई लावल.. मिस्काँल कर ऎ मारे फोने परिया… काई छम छम वाज तारो झांजरिया… काई रम झम वाज तारो झांजरिया.. पगेती कोणी हिडे बेसेन हिरो होन्डा… खाले पिलेन आईस करिया काई छम छम वाज तारो झांजरिया… काई रम झम वाज तारो झांजरिया… लोवडी दरादु तोण काचळी…

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आयो आयो रे सेवारे लाल देवळेति आयो

१ )आयो आयो रे सेवारे लाल देवळेति आयो रे (२) वळा देवळेती आयो भाया काई ऱंग  लायो (२)वळा २) काई थाळी ऩंगारा वोरे सात देवळेती आयो रे आयो आयो रे सेवारे लाल देवळेती आयोर ३) आयो आयो रे गरुरे लाल किनवट ति ेयो रे(२)वेळा किनवट ति आयो भाया काई ऱंग लायो (२)वेळा काई ढाल तलवारं…

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सब ठाठ पड़ा रह जावेगा, जब लाद चलेगा बंजारा।

सब ठाठ पड़ा रह जावेगा, जब लाद चलेगा बंजारा। गर तू है लक्खी बंजारा और खेप भी तेरी भारी है, एक गाफिल, तुझसे भी चतुरा, इक और बड़ा व्योपारी है, क्या शक्कर-मिस्री, कन्द, गरी, क्या सांभर मीठी खारी है, क्या दाख मुनक्के सोंठ, मिर्च, क्या केसर, लोंग, सुपारी है, सब ठाठ पड़ा, रह जावेगा, जब…

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सेवाभायार आरदास और याड़ी मरियामा अरदास

सेवाभायार आरदास। जै जै बापू सेवाभाया कूळी तरायेवाळा लदेंळी झूलायेवाळा जगकारंळ जगतारंळ करेवाळा. कोरे गोरूर तू सेवाभाया सेकेवूंपर हरघडी छाया सेन लाडे परेमेती संबाळेवाळा सरंनेम आयेवाळेरो तू आसरो, लडपडोतो करनाको तू पसारो सोतान सोतार वळक करायेवाळा. गोरूम जलमोपोरीया तारा याडी धरमंळी भिमानायकेर छोरा सोभीमानेरी सीक देयेवाळा आंगेपाचेरो वचार करायो आगल बगल धेन देरायो सीक देतो…

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जागो गोरो

जागो गोरो जागो उटो मार गोर भाई काई खेळ चालरो समाजाई….. लोकुलार लागन वटावोत झोरीया वो हुळ्या हुळ्या खिचरेच खरीया मारो मारो केरे लेरेच फायदो आची वातेर कळेदिने कोणी कायदो आब तरी ये वातं आयदो ध्यानाई…..   बालबच्यार करणाके कॉलरशिप बंद वोंदुरी वाते करणाकेच मंद तांडासुदार समीतीर लाखेती मळं पिसा दुसरे लोकुन देन ये पाडनाळेच…

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।। सेवालाल स्तोत्र ।।

            ।। सेवालाल स्तोत्र ।। अंह दुरतशते भोजयुगम मेचछा यासगतयं सेवा करोमि सक्रउत सेवया नितया. सेवा फंल तवं प्रतयचछते ः! ओम जय सदगुरु सेवाभायाय नमः भगवते अज्ञनिना मया दोशानत शेशानत ही तानहारे क्षम सवतव तोलाराम संवाराय सेवाभायाय नमः भगवते।।                     ।। अर्थ ।। हे सेवालाल मै तुमारे चरणो को नमन (प्रणाम) कि इकछा से आकर…

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कतरा बदलगोछ इनसान कतरा बदलगोछ इनसान ।

🍀गोर कविता🍀 देख तार संसारेर हालत काई वेगीच भगवान कतरा बदलगोछ इनसान कतरा बदलगोछ इनसान । सुय॔ न बदलो चांदा न बदलो ना बदलो आसमान ।कतरा बदलगोछ इनसान कतरा बदलगोछ इनसान । तारच छ ये बंदे फिरभीछ अकललेती छ अंधे निसवाथ॔ भुलन स्वाथ॔ वास करछ बुरे काम कतरा बदलगोछ इनसान कतरा बदलगोछ इनसान । भाई…

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