गोरबोली भाषा एंव सांस्कृतिक सौंदर्य/ सौहार्द- संपन्न लावण्य रूप को विश्व में और उजागर करनेवाला महान साहित्यिक…
भीमणीपुत्र मा. मोहन नाईक : प्रसिद्ध साहित्यिक, कवि, कथाकार मानवतावादी विचारों से स्वतंत्रता, न्याय , समता तत्वों को अपनाकर गोर-बंजारा लोकसाहित्य, गौरवपूर्ण इतिहास और संस्कृति पर महाराष्ट्र राज्य के बापू भीमणीपुत्र, मोहन नाईक ने समस्त गोर बंजारा समुदाय के लिए बहुमूल्य साहित्य लिखा है । यह समस्त कोर/गोरबंजारोको दिशादर्शक साबित हो रहा है। उन्होंने गोरबोली…